मिर्जापुर में गौसेवा में जुटे युवाओं की टीम ने ग्राम प्रधान पर धमकी और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। युवाओं का कहना है कि ग्राम प्रधान गौशाला में हो रही लापरवाही का ठीकरा उन पर फोड़ते हुए झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। मामला हलिया थाना क्षेत्र का है। दीपू त्रिपाठी ने बताया कि कुछ दिन पहले सड़क हादसे में घायल एक गाय और उसके बछड़े को टीम के सदस्यों ने इलाज कराकर स्थानीय गौशाला में पहुंचाया था। लगभग चार दिन बाद जब वे दोबारा वहां पहुंचे तो गाय मृत पाई गई। उन्होंने गाय को दफनाने से पहले पूरी प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके। इस दौरान, गौशाला में सेवा करने का दावा करने वाले कुछ लोग भड़क गए। टीम के साथ धक्का-मुक्की व मारपीट पर उतर आए। हालात बिगड़ने पर युवाओं को गौशाला से बाहर निकाल दिया गया। आरोप है कि इसके बाद ग्राम प्रधान ने उनके घर पहुंचकर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। गौसेवक युवाओं का कहना है कि ग्राम प्रधान अब उन्हें गाय को जहर देने का झूठा आरोपी बना रहे हैं। जबकि गौशाला में पहले से गंभीर अनियमितताएं और लापरवाही बरती जा रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से स्वतंत्र जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। टीम के सदस्यों ने बताया कि वे लंबे समय से क्षेत्र में घायल और बेसहारा गौवंश की सेवा कर रहे हैं और यह कार्य बिना किसी निजी स्वार्थ के कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की ताकि वे भयमुक्त होकर गौसेवा का कार्य जारी रख सकें। गौसेवा टीम में दीपू त्रिपाठी, शुभम यादव, शिवम गिरी, शुभम पूरी, अमित दूबे, विजय सोनकर, विजय विश्वकर्मा और राजेश विश्वकर्मा सहित 12 से अधिक युवा सक्रिय रूप से जुड़े हैं।टीम का कहना है कि गौशाला की सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए और इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच ही वास्तविकता को उजागर कर सकेगी।
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