गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारतीय बल्लेबाजी लगातार बदलते क्रम और संयोजन का करौसेल बन गई है, जिसमें खिलाड़ी बार-बार नई पोजीशन में फंसते हैं. कई खिलाड़ियों को टेस्ट स्क्वॉड में शामिल किया गया और जल्दी ही बाहर कर दिया गया, जबकि रिटायर हुए खिलाड़ी भी इसमें शामिल हैं. इस लगातार बदलाव की आदत टीम की स्थिरता, खिलाड़ियों की लय और फैन्स की उम्मीदों को प्रभावित कर रही है. आलोचक इसे व्यंग्यपूर्ण रूप में ‘कामसूत्र वाला रोग’ कहते हैं.
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