पूर्वोत्तर रेलवे (NER) क्षेत्र से गुजरने वाले छपरा–बाराबंकी रेल रूट पर ट्रैफिक दबाव घटाने और संचालन सुचारु बनाने के लिए रेलवे अब पांचवीं लाइन बिछाने की तैयारी में जुट गया है। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए NER प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है और बोर्ड के निर्देश मिलते ही सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह रेलमार्ग गोरखपुर होकर गुजरने वाले देश के सबसे व्यस्त रूटों में से एक है। यहां प्रतिदिन ट्रैक क्षमता से अधिक ट्रेनें संचालित हो रही हैं, जिससे कई ट्रेनों के समय पर असर पड़ता है। नई लाइन बनने के बाद गोरखपुर होकर जाने वाली सभी ट्रेनों की गति और समयबद्धता दोनों में सुधार होगा। चौथी और पांचवीं की तैयारी तेज
गोरखपुर सेक्शन में तीसरी लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है। कुसम्ही से कैंट और बुढ़वल से करनैलगंज तक ट्रैक बिछ चुका है, जबकि बाकी हिस्सों में निर्माण जारी है। इसी बीच चौथी लाइन का सर्वे भी चल रहा है और अब पांचवीं लाइन को लेकर कवायद शुरू हो गई है। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर गोरखपुर जंक्शन और आसपास के रूटों पर ट्रैफिक दबाव काफी कम होगा, प्लेटफॉर्म की उपलब्धता बढ़ेगी और ट्रेनों के ठहराव में कमी आएगी। डबल लाइन प्रोजेक्ट में नया रेल पुल बनेगा
गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर तक चल रही रेल मार्ग दोहरीकरण परियोजना के तहत गंडक नदी पर एक नया रेल पुल बनाया जाएगा। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने टेंडर जारी कर दिया है और नए साल से निर्माण शुरू होने की संभावना है। करीब 1120 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में 95 किलोमीटर ट्रैक के हिस्से में 16 बड़े और 38 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इसे पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में कैंट–पिपराइच (16.09 किमी) और दूसरे चरण में पिपराइच-कप्तानगंज (19.72 किमी) तक काम होगा। नई लाइनों से रफ्तार और क्षमता दोनों बढ़ेंगी
सभी परियोजनाएं पूरी होने के बाद गोरखपुर होकर गुजरने वाली दिल्ली, मुंबई, अमृतसर और बिहार रूट की ट्रेनों को सीधा लाभ मिलेगा। नई लाइनों से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, मालगाड़ियां बिना रुके गुजर सकेंगी और यात्री ट्रेनों का संचालन अधिक सटीक व समयबद्ध होगा।
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