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गोरखपुर में फर्जी IAS गिरफ्तार, बांका से कनेक्शन:2 करोड़ की ठगी कर बांका से हुआ था फरार, समाजसेवी शिक्षक के रूप में बनाया था पहचान

गोरखपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी आईएएस अधिकारी ललित किशोर कुमार उर्फ गौरव कुमार सिंह का बांका जिले से पुराना ठगी का रिश्ता रहा है। सीतामढ़ी के मेहसोल निवासी ललित ने 2017 में बांका में कदम रखा था और कुछ ही वर्षों में अपनी छवि एक समाजसेवी शिक्षक,संस्थान संचालक और “मदद वेलफेयर सोसाइटी” के प्रमुख के रूप में बना ली थी। प्रारंभिक दौर में गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा और कोचिंग देने का दिखावा कर उसने लोगों का विश्वास जीता,लेकिन इसी आड़ में उसने करोड़ों की ठगी का जाल बिछाया। बांका पहुंचने के बाद ललित ने ‘आदित्य-50’ नाम से संस्थान खोला और गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी योजनाओं में सक्रियता दिखाई। वह पटना के शिक्षा विभाग तक पहुंच बनाता था और मुफ्त कोचिंग के नाम पर विभागीय स्तर से पत्र जारी करा लेता था। इन पत्रों का इस्तेमाल कर वह जिले के सरकारी स्कूलों में प्रवेश परीक्षा तक आयोजित करता था। चयनित छात्रों के लिए स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं भी चलाता था, जिससे उसकी पहचान एक समर्पित शिक्षक के रूप में बनने लगी। छात्रों को भरोसा दिलाने के लिए वह मैट्रिक और इंटर के मेधावी बच्चों का सम्मान समारोह भी आयोजित करता था। इसी आड़ में उसने नौकरी दिलाने,बीएड कराने और विभिन्न कोर्सों में नामांकन कराने का लालच देकर ठगी शुरू की। बताया जाता है कि बांका के कई लोगों से ललित ने करीब दो करोड़ रुपये वसूले। जब नौकरी और बीएड में दाखिला नहीं हुआ,तो लोग उससे पैसे वापसी की मांग करने लगे। बढ़ते दबाव को देखते हुए वह 1 मई 2023 को रातोरात बांका से फरार हो गया। उसने बाबूटोला स्थित किराये का मकान,डोकानियां मार्केट स्थित ऑफिस और द्वारिका मंदिर के पास संचालित कोचिंग संस्थान को खाली कर दिया। इसके बाद उसने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए । ठगी के कई पीड़ितों ने उसके खिलाफ पुलिस और कोर्ट में मामले दर्ज कराए।करहरिया मोहल्ला निवासी सुधीर कुमार दास ने 23 मई 2023 को टाउन थाना में कांड संख्या 350/2023 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई।आरोप था कि कलेक्ट्रेट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की बहाली के नाम पर ललित ने उनसे पांच लाख रुपए ले लिए। इसके अलावा झारखंड निवासी साधन देवी से 2 लाख 23 हजार रुपये, गोड्डा निवासी सुनीता कुमारी से नर्सिंग ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर 2 लाख 23 हजार रुपए ठगे गए।केलावाड़ी गांव के सत्यनारायण पंडित ने भी नौकरी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी का मामला बांका कोर्ट में नालिसी वाद संख्या 60/2024 के तहत दर्ज कराया है। बाबूटोला में जिसके घर में वह किराये पर रहता था, उस मकान मालिक से भी उसने 10 लाख रुपये की ठगी की। शहर के बांका गेस्ट हाउस के पास कंप्यूटर दुकान संचालित करने वाले तन्मय कुमार से करीब दो लाख रुपए के उपकरण उधार लिए, जिनका भुगतान किए बिना ही वह फरार हो गया।लगातार शिकायतों के बाद बांका पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। अंततः गोरखपुर जिले के चिलुआताल थाना क्षेत्र में उसने एक दफ्तर खोलकर फिर से ठगी का काम शुरू कर दिया था। इसी दौरान गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए गोरखपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।ललित की गिरफ्तारी से वर्षों से ठगी के शिकार पीड़ितों को बड़ी राहत मिली है, जबकि पुलिस अब उससे पूछताछ कर यह जानने में जुटी है कि उसके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल थे और कितने अन्य जिलों में उसने लोगों को शिकार बनाया है। बांका के पुलिस उपाधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि फर्जी आईएएस ललित किशोर के खिलाफ जिले में दर्ज सभी मामलों में विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।


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