गोपालगंज के व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को वर्ष 2025 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के देखरेख में आयोजित इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित और सुलहनीय वादों का आपसी सहमति एवं समझौते के आधार पर त्वरित निष्पादन करना था। इस वृहद आयोजन के लिए न्यायालय परिसर में कुल 16 पीठों का गठन किया गया। प्रत्येक पीठ में एक न्यायिक पदाधिकारी और एक पैनल वकील को तैनात किया गया, ताकि मामलों का निपटारा सुगमता से हो सके। लोक अदालत के लिए लगभग 10 हजार लोगों को नोटिस जारी किए गए थे। सुलहनीय आपराधिक एवं दीवानी मामलों को प्राथमिकता राष्ट्रीय लोक अदालत में मुख्य रूप से बिजली बिल से संबंधित वादों, बैंक ऋण वसूली के मामलों, जमीन से जुड़े विवादों तथा अन्य सुलहनीय आपराधिक एवं दीवानी मामलों को प्राथमिकता दी गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने बताया कि सुलह व समझौता के आधार पर पक्षकारों के वादों का निष्पादन किया गया। बिजली विभाग से संबंधित बड़ी संख्या में मामलों का निष्पादन हुआ इस दौरान बिजली विभाग से संबंधित बड़ी संख्या में मामलों का निष्पादन हुआ, जिससे उपभोक्ताओं को ब्याज में छूट के साथ बिल का भुगतान करने की सुविधा मिली। बैंकों से जुड़े वसूली वादों में भी दोनों पक्षों की सहमति से बड़ी रकम का निपटारा किया गया। इसके अतिरिक्त, पारिवारिक विवादों और अन्य छोटे-मोटे आपराधिक मामलों में भी आपसी सुलह के जरिए लोगों को न्याय मिला। न्यायिक पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई निर्धारित लक्ष्य के अनुसार वादों के निष्पादन के लिए न्यायिक पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। लोक अदालत के माध्यम से न केवल वर्षों से लंबित मामलों का तेजी से निपटारा हुआ, बल्कि आमजन को सस्ता और त्वरित न्याय भी सुलभ हो सका। इस पहल से न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ भी कम हुआ है और लोगों का न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास बढ़ा है।
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