गोपालगंज के विभिन्न क्षेत्रों में तुलसी पूजन दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर घरों में तुलसी के पौधों को सजाया गया और विशेष पूजा-अर्चना की गई। हिंदू संस्कृति में तुलसी को ‘मां’ के रूप में पूजनीय माना जाता है, और इसी श्रद्धा का भाव पूरे जिले में देखने को मिला। सुबह से ही महिलाओं में तुलसी पूजन को लेकर उत्साह देखा गया। स्नान के बाद महिलाओं ने आंगन में स्थित तुलसी के पौधे को जल अर्पित किया, चुनरी ओढ़ाई और रोली-अक्षत से तिलक लगाकर विधिवत पूजन किया। घी के दीपक और अगरबत्ती की सुगंध से वातावरण भक्तिमय हो गया। महिलाओं ने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की पूजन के दौरान महिलाओं ने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी की सेवा होती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और दरिद्रता का नाश होता है। पूजा के बाद महिलाओं ने समाज के अन्य वर्गों, विशेषकर युवा पीढ़ी से अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि तुलसी भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और हमें पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण के बजाय अपनी परंपराओं को सहेजना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी महिलाओं ने तुलसी के औषधीय गुणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तुलसी एक उत्तम औषधि है जो वायु को शुद्ध करती है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। जिलावासियों से यह भी अपील की गई कि वे हर वर्ष इसी तरह संगठित होकर तुलसी पूजन करें ताकि आने वाली पीढ़ियां इस महान परंपरा को जीवंत रख सकें। सामूहिक रूप से किए गए इस आयोजन ने समाज में एकता और सात्विकता का संदेश दिया।
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