गोपालगंज में गुरुवार सुबह की शुरुआत घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के साथ हुई। पिछले कई दिनों से पछुआ हवाओं के कारण जिले का तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे पूरा इलाका कोहरे की मोटी चादर में लिपट गया। कोहरे की सघनता इतनी अधिक थी कि कई स्थानों पर विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम हो गई, जिससे दैनिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट्स जलाकर धीमी गति से हॉर्न बजाते हुए चलना पड़ा, ताकि दुर्घटनाओं का खतरा कम हो सके। रेल और बस यातायात पर भी इसका सीधा असर देखा गया, जिसके कारण कई यात्राएं विलंबित हुईं। अलाव जलाकर शरीर गर्म करते दिखे लोग तापमान में गिरावट और ठिठुरन बढ़ने से लोग घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। भीषण ठंड से बचने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोग जगह-जगह अलाव जलाकर शरीर गर्म करते दिखे। चौक-चौराहों, झुग्गी-झोपड़ियों के पास और चाय की दुकानों पर लोग अलाव के चारों ओर जमा होकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह ठंड विशेष रूप से कष्टकारी साबित हो रही है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि ठंड और प्रदूषण के संयुक्त प्रभाव से लोगों के स्वास्थ्य पर असर दिखना शुरू हो गया है। अस्पतालों में सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में जलन और सांस लेने में परेशानी वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह मौसम खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक कोहरे और ठंड का असर बने रहने का अनुमान जताया है। विभाग ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है। बच्चों-बुजुर्गों को सावधानी बरतने की सलाह हवा की गति लगभग 5-6 किमी/घंटा है। सुबह और देर रात में ठंड कड़ाके की बनी रहेगी, जिससे लोगों को अलाव या हीटर का सहारा लेना पड़ेगा। दिन के मध्य में धूप निकलने से ठंड से कुछ राहत मिलेगी और अधिकतम तापमान सामान्य के आस-पास रहेगा। इस समय वायु गुणवत्ता अस्वस्थ श्रेणी में बनी रह सकती है, खासकर सुबह और शाम के समय। संवेदनशील समूहों (बच्चों, बुजुर्गों, श्वास संबंधी समस्याओं वाले लोगों) को सावधानी बरतनी चाहिए।
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