गाजा का मलबा हटाने में 10 साल, जमीन उपजाऊ बनाने में 25 साल लगेंगे: UN की रिपोर्ट
आज गाजा युद्ध के 2 साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने गाजा में तबाही का आकलन करने वाली रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध से तबाह हुए गाजा का मलबा हटाने में 10 साल लग सकते हैं. वहीं जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने में 25 साल लगेंगे. मिसाइल हमलों की वजह से गाजा मलबे के ढेर में बदल गया है. इसलिए पुनर्निर्माण में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
इजराइली हमलों में गाजा की 80% इमारतें तबाह हो चुकी हैं. इससे 4.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 373.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. तबाही की वजह से गाजा की शहरी तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है. इस वजह से लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं मिलना और शरण लेना दुर्लभ हो गया है. गाजा में दो साल में 5.1 करोड़ टन मलबा इकट्ठा हो चुका है, जिसे हटाने में 99.6 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पुनर्निर्माण में बहुत समय लगेगा
मलबा हटाने के लिए इक्विपमेंट की पहुंच मुश्किल है, इसलिए पुनर्निर्माण में बहुत समय लगेगा. गाजा युद्ध आज तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है. इससे सिर्फ रिहायशी इमारतों को ही नहीं, बल्कि कृषि वाली जमीन को भी खासा नुकसान पहुंचा है. गाजा में 1500 एकड़ खेतिहर जमीन पर असर पड़ा है. सिर्फ 232 एकड़ जमीन ही खेती लायक बची है. यानी जिस 98.5% जमीन पर पहले फसल उगाई जाती थी, अब वो किसी काम की नहीं है.
उपजाऊ जमीन की कमी की वजह से फूड सिक्योरिटी और आजीविका पर संकट आ गया है. गाजा की जमीन अपनी उपजाऊ मिट्टी के लिए जानी जाती थी. यह किसी भी चीज की खेती के आदर्श क्लाइमेट था. इजराइल-हमास जंग से पहले गाजा यानी 2022 में गाजा उपज का निर्यात भी करता था, जिसमें एक-तिहाई (32%) स्ट्रॉबेरी, 28% टमाटर और 15% खीरे थे. अन्य निर्यातों में बैंगन (9%), मीठी मिर्च (6%), तोरी (3%), मिर्च (2.5%), आलू (1%) और शकरकंद (0.5%) शामिल है.
गाजा की जमीन में खतरनाक केमिकल
इजराइली हमलों की वजह से 83% सिंचाई के कुएं बंद हो चुके हैं. साथ ही इनमें प्रदूषण फैल चुका है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, विस्फोटकों की वजह से गाजा की जमीन में केमिकल का स्तर तीन गुना हो चुका है. इजराइली हमलों में 94% अस्पताल और 90% स्कूल भी तबाह हो चुके हैं. पहले गाजा में 36 हॉस्पिटल वर्किंग कंडीशन में थे. गाजा की 23 लाख में से 90% आबादी बेघर हो चुकी है. 80% इलाके को मिलिट्री जोन घोषित किया जा चुका है. आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी का शिकार है.
इजराइल और फिलिस्तीन को कितना नुकसान
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिसमें 1200 इजराइली मारे गए. हमास ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था. इजराइल का कहना है कि इनमें 48 बंधकों की वापसी नहीं हो पाई है. 48 में से सिर्फ 20 बंधक ही जिंदा बचे हैं. वहीं इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 66,158 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इनमें 18,430 बच्चे भी शामिल हैं. 39, 384 बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है. इस युद्ध का समाज, अर्थव्यवस्था, और पर्यावरण पर असर दशकों तक महसूस किया जाएगा.
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/kS5ZYPz
Leave a Reply