बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को गया के डोभी में 1670 एकड़ में विकसित होने वाले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) परियोजना स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया। यह परियोजना अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (ADKIC) के तहत विकसित की जा रही है, जिसका उद्देश्य गया को देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में स्थापित करना है। निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी, उद्योग विभाग के सचिव कुंदन कुमार, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार और जल संसाधन विभाग के सचिव भी उपस्थित थे। इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र का पैदल दौरा कर परियोजना की प्रगति का जायजा लिया और संबंधित काम की समीक्षा की। पानी की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इसका उद्देश्य बड़े उद्योगों को यहां निवेश के लिए आकर्षित करना है। उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों की प्रगति का निरीक्षण किया और बिजली और जलापूर्ति की संभावित व्यवस्थाओं की समीक्षा की। प्रत्यय अमृत ने कहा कि इस परियोजना को एक मॉडल इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह न केवल गया बल्कि पूरे बिहार की औद्योगिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है। इस दौरान जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने मुख्य सचिव को नक्शे के माध्यम से पूरे IMC क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भावी संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने इंडस्ट्रियल एरिया की सभी लिंक सड़कों का एक विस्तृत ‘कनेक्टिविटी मैप’ तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि औद्योगिक पार्क को मुख्य सड़कों से सीधे जोड़ा जा सके। पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि जीटी रोड से इंडस्ट्रियल पार्क तक सड़क निर्माण के लिए एलाइन्मेंट तैयार कर लिया गया है। जिन स्थानों पर सरकारी भूमि उपलब्ध है, वहां सड़क निर्माण काम भी शुरू कर दिया गया है।
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