विष्णुपद से लेकर पंचमहला तक सोमवार को पूरा शहर राममय हो गया। तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव आज सुबह से शुरू हो गया। मंदिर परिसर को भव्य रोशनी और फूलों से सजाया गया। सुबह से मंदिरों में हजारों की भीड़ जुटने लगी। डमरू, ढोल और शंखनाद के बीच माहौल भक्तिमय रहा। इसी बीच दोपहर बाद देर भगवान श्रीराम की भव्य बारात बाजे गाजे के साथ निकली। बारात का सबसे खास आकर्षण रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया चांदी की पालकी रही। इसी पालकी पर भगवान श्रीराम के सोने के चरण और उनके भाइयों के नामांकित रामायण ग्रंथ को विराजमान है। बाद में इसी पालकी पर माता जानकी को भी स्थान दिया जाएगा। पालकी तैयार होते ही भक्तों में सेल्फी और फोटो लेने की होड़ सी लग गई थी। शोभायात्रा में घोड़े, ऊंट, अखाड़ों के कलाकार हुए शामिल शोभायात्रा में घोड़े, ऊंट, अखाड़ों के कलाकार लाइन में चलते रहे। बारात विष्णुपद मंदिर से निकलकर सीधे पंचमहला, चांदचौरा, रामसागर रोड, नवागढ़ी, पीर मंसूर मोड़, जीबी रोड, गोलपत्थर, लहरिया टोला होते हुए वापस विष्णुपद आएगी। मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार सजाए गए हैं। दुकानों पर फूलमालाओं की मांग बढ़ गई है। विष्णुपद मंदिर को फूलों से सजाया विष्णुपद मन्दिर प्रबंधकारिणी समिति अध्यक्ष शंभू लाल विठ्ठल ने बताया कि मंदिर परिसर को पूरी तरह दुल्हन की तरह सजाया गया है। हर ओर रंग-बिरंगी झालरें, बल्बों की लड़ियां और फूलों के मेहराब लगाए गए हैं। सुरक्षा और व्यवस्था संभालने के लिए स्वयंसेवक भी तैनात हैं। 25 नवंबर की शाम मंदिर प्रांगण में भव्य मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक हिंदू रीति से विवाह-रस्म होगी। पंडितों की टोली पहुंच चुकी है। मंडप की सजावट अंतिम चरण में है।26 नवंबर को भव्य भंडारे के साथ तीन दिवसीय श्रीराम विवाह महोत्सव का समापन होगा। अभी मंदिर परिसर में भीड़ लगातार बढ़ रही है और लोग राम-जानकी के इस अलौकिक मिलन को नजदीक से देखने के लिए उतावले हैं।
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