गया में हजारों फुटपाथ दुकानदारों के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। शहर की प्रमुख सड़कों से उनकी दुकानें हटाए जाने के बाद वे रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस स्थिति पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि-सह-प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू ने चिंता व्यक्त की है। विजय कुमार मिट्ठू ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लिवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) एक्ट बनाया था। इस कानून का उद्देश्य देशभर के फुटपाथ विक्रेताओं को सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें व्यवस्थित वेंडिंग ज़ोन में स्थायी स्थान आवंटित करना है। एक्ट के तहत, नगर निकायों को वेंडिंग ज़ोन विकसित कर प्रमाण पत्र जारी करना और दुकानदारों को स्थायी जगह देना अनिवार्य है। हजारों फुटपाथ विक्रेताओं को वेडिंग सर्टिफिकेट, स्थायी स्थल नहीं आवंटित किए उन्होंने आरोप लगाया कि गयाजी नगर निगम क्षेत्र में हजारों फुटपाथ विक्रेताओं को अभी तक न तो वेंडिंग प्रमाण पत्र दिए गए हैं और न ही स्थायी स्थल आवंटित किए गए हैं। इससे इन दुकानदारों का जीवन असुरक्षित और अनिश्चित बना हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यदि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का पालन करते हैं, तो फुटपाथ दुकानदारों का जीवन सुरक्षित होगा और शहर में यातायात व व्यापार भी सुव्यवस्थित हो सकेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जयप्रकाश नारायण अस्पताल के आसपास, किरानीघाट पुल के उत्तर में, सीढ़िया घाट, पंचायती अखाड़ा रेलवे पुल के उत्तर में, और नगर निगम की अन्य खाली पड़ी भूमि को वेंडिंग ज़ोन घोषित किया जा सकता है। इन स्थानों पर दुकानदारों को व्यवस्थित रूप से बसाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। कांग्रेस ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि गयाजी के सभी फुटपाथ दुकानदारों को त्वरित रूप से वेंडिंग ज़ोन में शामिल किया जाए, उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किया जाए और स्थायी दुकान का स्थान आवंटित किया जाए, ताकि उनके परिवार सुरक्षित तरीके से अपना जीवनयापन कर सकें।
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