गयाजी में बुधवार की सुबह दम घुटने से 3 लोगों की मौत हो गई। एक कमरे में नानी और 2 नाती-नातिन सो रही थी। ठंड से बचने के लिए मंगलवार की रात नानी ने कमरे के अंदर बोरसी जलाई थी। घटना कुर्किहार महादलित टोला की है। बुधवार की सुबह जब दोनों बच्चों की मां कमरे में आई तो सभी को बेहोशी हालत में देखा था। अस्पताल ले जाने पर तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। सुबह दिखा खौफनाक मंजर परिजनों के अनुसार, बुधवार सुबह मीना देवी की बेटी काजल देवी जब नींद से उठीं और मां को जगाने कमरे में पहुंचीं, तो सामने खौफनाक मंजर था। मां और दोनों बच्चे अचेत अवस्था में पड़े थे। शोर मचाने पर आसपास के लोग जुटे और आनन-फानन में स्थानीय चिकित्सक को बुलाया गया। जांच के बाद डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। बंद कमरे में जली बोरसी बनी मौत की वजह बताया जा रहा है कि रात में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कमरे के अंदर बोरसी जलाई गई थी। कमरे का दरवाजा और खिड़की पूरी तरह बंद थे। आशंका जताई जा रही है कि बोरसी से निकले धुएं और गैस के कारण कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो गई, जिससे तीनों की दम घुटने से मौत हो गई। मजदूरी पर टिका था पूरा परिवार मीना देवी अपने पति गांगो मांझी की गैरमौजूदगी में घर संभाल रही थीं। गांगो मांझी के दो बेटे हैं, जितेंद्र मांझी और बालम मांझी, जो रोजी-रोटी के लिए बाहर ईंट भट्ठों पर काम करते हैं। एक दाऊदनगर और दूसरा फैजाबाद में मजदूरी करता है। पूरा परिवार मजदूरी पर ही निर्भर है। घर में उस समय मीना देवी, उनकी शादीशुदा बेटी काजल देवी और उसके दो छोटे बच्चे ही रह रहे थे। दो महीने पहले मायके आई थी काजल देवी जानकारी के अनुसार, काजल देवी करीब दो माह पहले ही बच्चों के साथ मायके आई थीं। उनका ससुराल फतेहपुर प्रखंड के बंधुआ स्टेशन के पास अमरपुर दलित टोला में है। काजल देवी के पति सुर्जेशी मांझी चेन्नई में एक निजी कंपनी में मजदूरी करते हैं। पति के बाहर रहने के कारण काजल देवी बच्चों के साथ मायके में ही रह रही थीं। गांव में पसरा मातम, हर आंख नम घटना की खबर फैलते ही पूरे महादलित टोले में कोहराम मच गया। नानी, नाती और नतिनी की एक साथ मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है। महिलाएं रो-रोकर बेहाल हैं। परिजन बार-बार यही कह रहे हैं कि ठंड से बचने के लिए जलाई गई बोरसी मौत का कारण बन जाएगी, यह किसी ने नहीं सोचा था। प्रशासनिक हलचल, सुरक्षा पर उठे सवाल घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है। गांव में लोग चर्चा कर रहे हैं कि यदि समय पर जागरूकता और ठंड से बचाव के सुरक्षित इंतजाम होते, तो शायद तीन मासूम जिंदगियां बच सकती थीं। पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं गौरतलब है कि इसी माह 21 दिसंबर को जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के दखिनगांव में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। वहां ठंड से बचने के लिए जलाई गई बोरसी से दम घुटने के कारण 85 वर्षीय वृद्ध महिला और 4 महीने की बच्ची की मौत हो गई थी, जबकि बच्ची की मां की हालत गंभीर हो गई थी।
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