गयाजी शहर में जिलाधिकारी, एसएसपी, आईजी और नगर निगम कमिश्नर दफ्तर के पास नाले का चैंबर पिछले 6 महीने से टूटा है, लेकिन किसी का कोई ध्यान नहीं है। टूटे चैंबर के पास सब्जी बेचने वाले रोजाना बैठते हैं, नाले का पानी उनकी सब्जियों के पास से गुजरता है, सब्जी बेचने वाले भी मजबूर हैं। जहां नाली का चैंबर टूटा है, वो जगह नगर निगम दफ्तर से मात्र 50 मीटर दूर है। इसी टूटे चैंबर के पास से हर दिन जिले और प्रमंडल के बड़े अधिकारी गुजरते हैं। फुटपाथ पर सब्जी भी इन्हीं रास्तों से खरीदते हैं। लेकिन हाल—सबसे बदतर। छह महीने बीत गए हैं, लेकिन किसी अधिकारी की नजर इस ओर नहीं गई। इस रास्ते से गुजरने वाले राहगीर भी परेशान हैं। लोग कहते हैं कि कहने को गयाजी स्मार्ट सिटी है, लेकिन नगर निगम से 50 मीटर दूर ही एक चैंबर का ये हाल है। बाकी शहर की क्या स्थिति होगी, समझ सकते हैं। दैनिक भास्कर रिपोर्टर जब सब्जी मंडी में नाले के टूटे चैंबर के पास पहुंचे तो उन्हें भी गंदगी और बदबू का एहसास हुआ। टूटे नाले के चैंबर की 3 तस्वीरें देखिए राहगीर बोले- आए दिन लोग अंधेरे में हादसे के शिकार होते हैं कैमरे पर न आने की रिक्वेस्ट पर एक राहगीर ने बताया कि टूटे हुए चैंबर की वजह से कई लोग हादसे के शिकार हो चुके हैं। टूटे चैंबर के गड्ढे में रोज किसी न किसी की मोटरसाइकिल, रिक्शा या टोटा फंस जाता है। सवारी गिरती है, उन्हें चोट भी आता है। सब्जी बेचने वाले बोले- छह महीने से यही हाल है, कोई अधिकारी नहीं आया सब्जी बेचने वाले राज कुमार और नन्हका बताते हैं कि टूटे चैंबर के पास बैठकर सब्जी बेचना मजबूरी है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, नगर निगम का कोई अधिकारी यहां नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब कोई बड़ा छोटा वाहन गुजरता है तो नाली का पानी सब्जी पर आकर गिरता है, लोग सब्जी खरीदने से कतराते भी हैं। हमारा भी नुकसान होता है। सबसे बड़ी विडंबना यह कि जिले के सबसे प्रमुख सरकारी दफ्तर इसी सड़क पर हैं। रोज अफसरों की गाड़ियां गुजरती हैं। पर किसी की नजर इस टूटी चैंबर पर नहीं। शायद देख कर भी अनदेखा कर दिया जाता है। उधर, पूरे मसले पर नगर निगम के मेयर गणेश पासवान ने कहा कि इसकी जानकारी किसी स्तर से अब तक नहीं दी गई है। अब पता चला है। तत्काल सुधार कराया जाएगा। नया निर्माण होगा।
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