गया। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के दौरान राजस्व विभाग में गंभीर लापरवाही पाई है। उन्होंने अपर समाहर्ता (राजस्व) को निर्देश दिया है कि अगले सात दिनों के भीतर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को अपर समाहर्ता (राजस्व) कार्यालय में आयोजित एक विशेष बैठक में जिलाधिकारी ने जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु संचालित दैनिक जनता दरबार व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान राजस्व विभाग को भेजे गए आवेदनों की प्रगति की जांच की गई। जिलाधिकारी ने विभाग और डेट वाइज तैयार किया है रोस्टर जिलाधिकारी ने हाल ही में विभागवार और तिथिवार रोस्टर तैयार किया है, जिसके तहत प्रत्येक विभाग के आवेदनों की समीक्षा की जाती है। इसी क्रम में राजस्व विभाग के आवेदनों की विस्तृत समीक्षा की गई। समीक्षा के लिए कुछ आवेदकों को यादृच्छिक रूप से बुलाया गया ताकि उनकी समस्याओं के वास्तविक समाधान की पुष्टि हो सके। उपस्थित आवेदकों ने अपनी शिकायतें जिलाधिकारी के समक्ष रखीं, जिन पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। ‘7 दिनों के अंदर रिपोर्ट दें कि किस स्तर पर रोके जा रहे आवेदन’ जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने समीक्षा के दौरान पाया कि कई अंचलाधिकारी अपने राजस्व कर्मचारियों की दैनिक समीक्षा नहीं कर रहे थे, जिसके कारण आवेदनों पर कार्रवाई की गति धीमी थी। डीएम ने अपर समाहर्ता (राजस्व) को स्पष्ट निर्देश दिए कि आगामी सात दिनों के भीतर एक विशेष जांच कर यह रिपोर्ट दें कि आवेदन किस स्तर पर रोके जा रहे हैं और इसके लिए कौन-कौन से कर्मचारी या अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने दोहराया कि जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना है, न कि फाइलों को अनावश्यक रूप से लंबित रखना। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में सभी विभागों में इसी प्रकार का यादृच्छिक सत्यापन जारी रहेगा ताकि जनता की समस्याओं का समय पर और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके। प्रशासन की इस सक्रिय पहल से जिले में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है।
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