गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड स्थित सासामुसा चीनी मिल के मुख्य द्वार पर गन्ना किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। अपनी वाजिब मांगों को लेकर शुरू हुआ किसानों का अनिश्चितकालीन धरना आज 5वें दिन भी जारी रहा। कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिसंबर की इस ठिठुरती ठंड में, जहां आम लोग शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं और गर्म बिस्तरों का सहारा लेते हैं, वहीं अन्नदाता इस सुनसान इलाके में खुले आसमान के नीचे दिन-रात गुजारने को मजबूर हैं। बुजुर्ग किसानों की आंखों में थकान तो है, लेकिन अपने हक की लड़ाई के लिए जोश कम नहीं हुआ है। रात के सन्नाटे में अलाव के सहारे किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं कि कब शासन प्रशासन उनकी सुध लेगा। 5 दिन बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी किसानों का मुख्य आक्रोश गन्ने के बकाया भुगतान और मिल को पुनः चालू कराने को लेकर है। हैरानी की बात यह है कि धरना प्रदर्शन के पांच दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई शासन प्रशासन के अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनकी सुध नहीं ली। किसानों का कहना है कि मिल बंद हो जाने के कार। किसानों का 46 करोड़ रुपया और 9 करोड़ गन्ना मिल में काम करने वाले मजदूरों का बकाया है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है
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