भागलपुर के नाथनगर प्रखंड स्थित रत्तीपुर बैरिया पंचायत के बैरिया गांव में गंगा नदी को पुरानी धारा में मोड़ने के लिए चल रहे ड्रेनेज काम का रविवार को किसानों ने विरोध किया। किसानों की चिंताओं और संभावित नुकसान को देखते हुए भागलपुर के सांसद अजय मंडल और नाथनगर के विधायक मिथुन कुमार यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल प्रभाव से ड्रेनेज काम रुकवा दिया। किसानों ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि ड्रेनेज काम शुरू होने के बाद दियारा क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे कटाव बढ़ गया है। इससे उनकी खेती योग्य जमीन के गंगा में समाहित होने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। किसानों ने आशंका जताई कि यदि यह काम जारी रहा, तो भविष्य में उनकी आजीविका पर गंभीर संकट आ जाएगा। 15 पंचायतों के लाखों किसान प्रभावित होंगे सांसद अजय मंडल ने कहा कि इन ड्रेनेज का से नाथनगर से लेकर पीरपैंती तक लगभग 15 पंचायतों के लाखों किसान प्रभावित होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले साल में करीब 60 किलोमीटर तक की कृषि भूमि गंगा में विलीन हो सकती है, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को पलायन करना पड़ेगा। सांसद ने भारत सरकार और संबंधित विभागों से किसानों के हित को प्राथमिकता देते हुए इस परियोजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि जहां लगभग 1000 मीटर में बोल्डर वॉल पीचिंग का काम होना था, वहीं विभाग ने केवल 70 मीटर का ही प्रस्ताव भेजा है। उनके अनुसार, यह अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भविष्य में बड़ी तबाही का कारण बन सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता ने उन्हें किसानों की आवाज बनने के लिए चुना है और वे हर हाल में जनहित में काम करेंगे। लाखों किसानों पर पलायन का खतरा मंडरा रहा है। नाथनगर के विधायक मिथुन कुमार यादव ने कहा कि यह ड्रेनेज काम किसानों के जीवन में बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस काम को पूरी तरह रोक दिया जाए। विधायक ने सबौर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी भीषण कटाव से किसान लंबे समय से परेशान हैं, लेकिन आज तक उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं किया गया। फिलहाल जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद ड्रेनेज काम रोक दिया गया है, लेकिन किसान सरकार और प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
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