बिहार सरकार के मत्स्य, डेयरी एवं पशुपालन मंत्री सुरेन्द्र कुमार मेहता ने बुधवार को जमुई जिले के खैरा प्रखंड स्थित गढ़ी डैम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डैम में संचालित और प्रस्तावित केज फिशरी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। मंत्री ने घोषणा की कि इस महत्वाकांक्षी योजना से लगभग 2000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी। गढ़ी डैम में लगेंगे 468 केज, 40 लाख मछलियों का होगा पालन मंत्री मेहता ने बताया कि गढ़ी डैम में केज फिशरी योजना के तहत कुल 468 केज लगाए जाने हैं, जिनमें से अब तक 316 केज स्थापित किए जा चुके हैं। मत्स्य प्राधिकारी के अनुसार, प्रत्येक यूनिट केज की लागत 3 लाख रुपए बताई गई है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि अगले पांच वर्षों में 60 एकड़ जलाशय क्षेत्र में केज फिशरी का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में इन केजों के माध्यम से लगभग 12 लाख मछलियों का पालन किया जा रहा है। मंत्री ने भविष्य में योजना का विस्तार करते हुए 40 लाख मछलियों के पालन के लिए अतिरिक्त केज लगाने की बात कही। केज फिशरी से स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार सुरेन्द्र कुमार मेहता ने कहा कि यह परियोजना स्थानीय युवाओं और मछुआरों के लिए रोजगार का एक मजबूत साधन बनेगी, जिससे क्षेत्र में मछली उत्पादन के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने कार्य में पारदर्शिता, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने गोशालाओं के संबंध में भी बात की। उन्होंने कहा कि गोशालाओं को बेहतर ढंग से व्यवस्थित और सुदृढ़ किया जाएगा। मंत्री ने गाय के गोबर से अनेक उपयोगी वस्तुएं बनाने और इससे रोजगार के अवसर सृजित होने पर जोर दिया। उन्होंने गौ-रक्षा और गौ-पालन को बढ़ावा देने के साथ गोमूत्र को भी लाभकारी बताया। मछली चोरी की घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए मंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी आरोपी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 2000 मछुआरों को जल्द ही मत्स्य पालन कार्यों से जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें नियमित रोजगार मिल सके। इस निरीक्षण के दौरान विभागीय अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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