आज छठ महापर्व का दूसरा दिन खरना है। व्रतियों ने छठ के गीत के साथ खरना का प्रसाद बनाया और पूरे विधि-विधान से भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा-अर्चना की। इस दौरान भगवान भास्कर को रोटी और गुड़-चावल की खीर (रसिया) से भोग लगाया। औरंगाबाद में स्थित सूर्य की नगरी देव में देश के अलग-अलग हिस्से से पहुंचे करीब 2 लाख से अधिक छठ व्रतियों ने सूर्य मंदिर में पूजा के बाद खरना किया। इसी के साथ खरना पूजा से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है। कल पर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खरना का प्रसाद खाने चिराग पासवान के घर पहुंचे। इस दौरान चिराग ने नीतीश के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया। खरना की कुछ तस्वीरें देखिए… पटना के बाजारों में उमड़ी भीड़ पटना समेत पूरे बिहार में छठ की खरीददारी को लेकर बाजारों में भीड़ है। पटना में फल बेच रहे मुस्लिम युवक श्मशाद ने बताया कि वो बीते 11 साल से छठ पर फल बेचते हैं। उन्होंने बताया, ‘कभी किसी ने जाति को लेकर भेदभाव नहीं किया। हमलोग भी हिंदुओं की भावनाओं का पूरा ख्याल रखते हैं। जहां फल रखने के लिए गोदाम लेते हैं। वहां आस-पास में खाना तक नहीं खाते हैं। वहां जूठन नहीं हो, इसका विशेष ख्याल रखते हैं।’ पूरे दिन उपवास के बाद हुआ खरना पूजा ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने बताया, छठ महापर्व के दूसरे दिन पूजा के लिए मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से प्रसाद के लिए खीर और रोटी बनाई गई। फिर संध्या में इस प्रसाद को सूर्य देव और छठी मइया को भोग लगाकर, स्वयं व्रती इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। इसके बाद व्रतियों का अगले 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है। छठ पूजा से पहले खरना की परंपरा उन्होंने आगे कहा, खरना का प्रसाद व्रती के लिए एक प्रकार का अंतिम सात्विक भोजन है, जो व्रती को कठोर 36 घंटे के उपवास के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करता है। इसके बाद व्रती पूरी तरह से सूर्यदेव की भक्ति में लीन हो जाते हैं। खरना के प्रसाद से दूर होते हैं सारे कष्ट ज्योतिषी राकेश झा ने कहा, छठ महापर्व के चतुर्थ दिवसीय अनुष्ठान के तहत दूसरे दिन खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा, शरीर के दाग-धब्बे समाप्त हो जाते है। वहीं इसके प्रसाद से तेजस्विता, निरोगता और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। तेजप्रताप बोले- तेजस्वी की पत्नी राजश्री को छठ करना चाहिए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने छोटे भाई तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री को सुझाव देते कहा, ‘उनको छठ व्रत करना चाहिए। घर की बहू होने के नाते राजश्री को परिवार की पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए।’ तेजप्रताप ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि हमारे घर में पिछले कई सालों से छठ महापर्व नहीं हो पा रहा है। मां राबड़ी देवी को शुगर की परेशानी है और उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती है। इसलिए वो छठ व्रत नहीं कर पाती हैं। तेजप्रताप ने बताया कि इस बार वे छठ पर्व महुआ में ही मनाएंगे और अपने घर नहीं जाएंगे। छठ पर्व से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए….
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