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खगड़िया में कोसी पर पीपा पुल का निर्माण, दूरी घटेगी:500 मीटर लंबा पीपा पुल, 25 करोड़ से अधिक की लागत

खगड़िया के गोगरी प्रखंड अंतर्गत पसराहा थाना क्षेत्र के सर्किल नंबर एक बीरवास गांव के समीप कोसी नदी पर बन रहा पीपा पुल क्षेत्र के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वर्षों से आवाजाही की गंभीर समस्या झेल रहे हजारों लोगों को इस पुल के निर्माण से बड़ी राहत मिलने वाली है। यह पुल न केवल खगड़िया और मधेपुरा जिले को आपस में जोड़ेगा, बल्कि भागलपुर, सुपौल, सहरसा होते हुए नेपाल तक संपर्क को और सुदृढ़ करेगा। 500 मीटर लंबा पीपा पुल, 25 करोड़ से अधिक की लागत जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले के जीरो माइल कपसिया घाट से खगड़िया जिले के बीरवास गांव तक कोसी नदी पर करीब 500 मीटर लंबा पीपा पुल बनाया जा रहा है। इस परियोजना पर लगभग 25.13 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। पुल के चालू हो जाने के बाद कोसी नदी के दोनों तटों पर बसे खगड़िया, मधेपुरा और भागलपुर जिले की सीमा से सटे करीब 14 पंचायतों के लगभग 80 हजार से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। दूरी घटेगी, समय और खर्च दोनों की बचत स्थानीय निवासी मनोज कुमार झा ने बताया कि अभी मधेपुरा के आलमनगर जाने के लिए लोगों को 80 से 90 किलोमीटर तक लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। इससे समय और पैसे दोनों की भारी बर्बादी होती थी। पीपा पुल के बन जाने के बाद यह दूरी घटकर महज 20 से 25 किलोमीटर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे आम लोगों, छात्रों, व्यापारियों और किसानों सभी को सीधा फायदा मिलेगा। जनप्रतिनिधियों के प्रयास से साकार हुआ सपना स्थानीय नाव चालक विक्रम कुमार ने बताया कि यह पीपा पुल आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के मंत्री नरेंद्र यादव के प्रयासों से संभव हो पाया है। उन्होंने इसे क्षेत्र के विकास से जुड़ा ऐतिहासिक कदम बताया। उनका कहना है कि पुल चालू होने से मधेपुरा के साथ-साथ सुपौल, सहरसा और नेपाल तक आवाजाही आसान होगा। इससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी बनेगा जीवनरेखा परबत्ता प्रखंड के चिकित्सक डॉ. प्रेम रंजन कुमार ने कहा कि उन्हें मरीजों को देखने के लिए रोजाना इसी मार्ग से आना-जाना पड़ता है। अब तक नाव के सहारे कोसी नदी पार करना जोखिम भरा होता था। पीपा पुल बन जाने से खगड़िया और मधेपुरा दोनों जिलों के मरीजों को समय पर और बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। आपातकालीन स्थिति में गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचाना भी आसान हो जाएगा। जनवरी के अंत तक पूरा होने की उम्मीद पीपा पुल निर्माण कार्य में लगे मिस्त्री गरीब नाथ ने बताया कि कार्य तेजी से प्रगति पर है। मौसम अनुकूल रहा तो जनवरी के अंतिम सप्ताह तक पुल पूरी तरह तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पुल निर्माण का कार्य पटना की कंपनी रूबी इंडस्ट्रीज फास्टनर द्वारा कराया जा रहा है, जो तय मानकों और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रख रही है। बाढ़ के समय भी होगा सुरक्षित आवाजाही स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात और बाढ़ के दौरान कोसी नदी पार करना जान जोखिम में डालने जैसा होता था। नाव ही एकमात्र सहारा रहती थी, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती थी। पीपा पुल बन जाने से बाढ़ के समय भी सुरक्षित आवाजाही संभव हो सकेगा। किसानों को अपनी फसल बाजार तक पहुंचाने, छात्रों को पढ़ाई और नौकरी के लिए आने-जाने तथा आम लोगों को रोजमर्रा के कार्यों में बड़ी सुविधा मिलेगी। क्षेत्रीय विकास की दिशा में बड़ा कदम कुल मिलाकर, कोसी नदी पर बन रहा यह पीपा पुल क्षेत्रीय विकास, आपसी संपर्क और जनसुविधा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रशासन ने निर्माण एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कार्य को समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए, ताकि आम लोगों को जल्द से जल्द इस महत्वपूर्ण परियोजना का लाभ मिल सके।


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