खगड़िया के रानी सकरपुरा हेल्थ एंड वेलफेयर सेंटर में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. रमेंद्र कुमार ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में न कोई डॉक्टर मिला और न ही कोई एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) ड्यूटी पर मौजूद थी। सिविल सर्जन ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए अस्पताल प्रभारी सुशांत सौरव को फटकार लगाई। डॉ. रमेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिन पहले भी इसी अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी। तब एक सफाईकर्मी ने प्रसव कराया था, जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने अस्पताल में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया था। सिविल सर्जन ने इस स्थिति को स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया। डॉक्टर विभा सिन्हा का हाउस रेंट और वेतन तुरंत रोका जाए सिविल सर्जन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निर्देश दिया कि उस दिन ड्यूटी पर रहने वाली एएनएम अनुराधा गांधी, पूनम कुमारी, राजकुमारी और आज गैरमौजूद मिली एएनएम प्रेमलता कुमारी के साथ-साथ डॉक्टर विभा सिन्हा का हाउस रेंट और वेतन तुरंत रोका जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक अस्पताल में नियमित उपस्थिति और सेवा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक इनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा। डॉक्टर और एएनएम गैरमौजूद पाए गए डॉ. कुमार ने यह भी बताया कि रानी सकरपुरा अस्पताल में यह छठी बार है जब ऐसी लापरवाही सामने आई है। हर बार निरीक्षण के दौरान डॉक्टर और एएनएम गैरमौजूद पाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफी परेशानी होती है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोहराई जाने पर संबंधित कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना पड़ता है दूर ग्रामीणों ने शिकायत की है कि कर्मचारियों की लगातार अनुपस्थिति के कारण उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर जाना पड़ता है। इससे कई बार गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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