क्यों बच्चा चिड़चिड़ा रहता है और होमवर्क नहीं करता? कैसे करें उसको गाइड, एक्सपर्ट्स से जानें

क्यों बच्चा चिड़चिड़ा रहता है और होमवर्क नहीं करता? कैसे करें उसको गाइड, एक्सपर्ट्स से जानें

How to guide child in studies: अगर आप ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं और आपका बच्चा होमवर्क करने में इंटरेस्ट नहीं दिखाता तो, ये आर्टिकल आपके लिए ही है. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें बच्चे, पैरेट्स और स्कूल टीचर, तीनों की भूमिका पर चर्चा की जानी चाहिए. आपको बता दें कि पानीपत के निजी स्कूल के सोशल मीडिया पर दो भयावह वीडियो वायरल हुए हैं. पहल वीडियो में एक सात साल के बच्चे को स्कूल की खिड़की से उल्टा लटकाया हुआ है. वहीं दूसरे वीडियो में स्कूल की प्रिंसिपल दो बच्चों को थप्पड़ मार रही है.

होमवर्क न करने के चलते अक्सर स्कूल में बच्चों को पीटा जाता है. हालांकि स्कूलों में बच्चों पर हाथ उठाने की मनाही है. लेकिन समझने वाली बात है कि बच्चे होमवर्क से जी क्यों चुराते हैं. अगर बच्चा अक्सर चिड़चिड़ा रहता है, होमवर्क करने से बचता है या पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो बच्चों को गुस्सा करके या सजा देने की बजाए उनके व्यवहार को समझें. सही तरीके से गाइड करें. गुस्से की जगह प्यार, धैर्य और सही दिशा दें.

बच्चा चिड़चिड़ा क्यों रहता है?

  • बच्चे जब चिड़चिड़े होते हैं तो स्कूल, परिवार या होमवर्क से दूरी बना लेते हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे किसी बात का डर या तनाव का होना.
  • जब बच्चा खुद को शारीरिक या मौखिक दंडित महसूस करता है तब डर के कारण झिझकने लगता है और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है.
  • बच्चों को कई बार लगता है कि उनकी भावनाओं को कोई समझ नहीं पा रहा, तो बच्चा काम के प्रति अपनी गुस्सा निकालने लगता है.
  • अक्सर शारीरिक दंड देने से बच्चे के आत्मसम्मान को चोट पहुंचती है. इससे बच्चा बुरा महसूस करता है और उसके बिहेवियर में भी बदलाव आने लगता है.
  • फिजिकल दंड देने के बाद बच्चे को स्कूल या घर का माहौल सुरक्षित नहीं लगता, इससे वो चुप हो जाते हैं, कम बोलते हैं और इनका काम में मन लगना बंद हो जाता है.

होमवर्क न करने की वजह?

गाजियाबाद जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. विपिन चंद्र उपाध्याय बताते हैं कि बच्चे मानसिक रूप से थक जाते हैं जिससे वो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते. कई बार दंड के डर के कारण भी बच्चे होमवर्क करने में ध्यान नहीं लगा पाते क्योंकि कक्षा के सामने किसी बच्चे को दंडित करने से ताकि बच्चों में डर पैदा हो जाता है. डर के कारण या दंडित होने का डर उनका पढ़ाई से मन हटा देता हैं.

बच्चों को कैसे गाइड करें

घर में सुरक्षित माहौल बनाएं- बच्चे को बताएं कि बिना किसी डर के अपनी बात कहें.

समय निर्धारित करें- होमवर्क करने से पहले बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करें.

बच्चे को डांटे नहीं बल्कि प्रोत्साहित करें- गलतियों को नाजुक तरीके सुधारें. अच्छे प्रयासों की सराहना करें.

पढ़ाई के साथ मनोरंजन का भी समय दें- गेमिंग की सीमा निर्धारित करें.

बच्चे के साथ समय बिताएं- दिनचर्या के बारे में बात करें.

काउंसलर की मदद- अगर बच्चा लगातार चिड़चिड़ा हो रहा है तो काउंसलर की भी मदद ले सकते हैं.

इस घटना ने हमें यह दिखाया कि बच्चों के मनोभाव और व्यवहार को समझना कितना जरूरी है. केवल कठोर दंड या नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से समस्या नहीं सुलझती. उनके दिल तक पहुंचने और उन्हें गाइड करने की ज़रूरत है ताकि फिर वे पढ़ाई और जीवन में बेहतर बन सकें.

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