बांग्लादेश और नेपाल में तख्तापलट होने के बाद से अलवर के किसानों को 500 करोड़ का नुकसान हो गया है। पिछले साल जिस प्याज ने 700 करोड़ का कारोबार किया था, वो इस साल घटकर 200 करोड़ का रह गया है। वहीं, पूरे देश में ऐसा आधुनिक गोदाम नहीं है, जो अलवर की प्याज को खराब होने से बचा सके। दरअसल, बांग्लादेश में एक किलो प्याज की कीमत 100 रुपए, नेपाल में 70 से 100 रुपए और पाकिस्तान में 200 रुपए प्रति किलो तक है। लेकिन प्याज का एक्सपोर्ट बंद है। ऐसे में अलवर की प्याज देश में 1 रुपए से लेकर 8 रुपए तक ही बिक रही है। ऐसे में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। भास्कर रिपोर्ट में पढ़िए…कैसे प्याज किसानों को रुला रही है… देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी में हालात बुरे अलवर में देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी है। यहां भास्कर टीम को किसान रहमू और समयदीन मिले। इनके पास 2 कट्टे प्याज थे। प्याज के भाव पूछा तो बोले- कुछ भाव नहीं है। इन दोनों कट्टों को ले जाओ। हमें एक रुपया भी नहीं चाहिए। लेकिन सरकार को मैसेज दो कि किसान मारा गया। किसान को लागत का आधा पैसा भी नहीं मिल रहा। यहां कोई सुन नहीं रहा। उन्होंने बताया- एक खाली कट्टा 20 रुपए का है। 50 रुपए एक कट्टे की कटाई में लग जाता है। 20 रुपए भाड़ा लग जाता है। इसके अलावा 3 महीने तक प्याज की बुआई, बीज, दवा व मजदूरी का खर्च है। पिछले साल तक अलवर से रोजाना 400 से 500 ट्रक प्याज नेपाल और बांग्लादेश जा रही थी। अब एक कट्टा भी नहीं जा रहा है। इसके कारण अलवर की प्याज की खपत कम हो गई। पिछले साल 2000 रुपए कट्टे तक बिकी थी पिछले साल यही प्याज 2000 रुपए कट्टे तक बिकी थी। इस बार प्याज 100 से 200 रुपए कट्टा बिक रही है। एक कट्टा में 40 किलो प्याज आती है। एक दिन में 40 हजार कट्टा प्याज मंडी आता है। भाव कम होने के कारण किसानों ने खेतों में भी प्याज को ज्यादा दिन रोका है। फिर भी भाव नहीं बढ़ सके। इस सीजन में किसानों को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान है। करीब 2 महीने तक प्याज का सीजन चलता है। मोदी सरकार से युवा किसान की अपील- अलवर के झोपड़ी गांव निवासी युवा बरख्त ने कहा- किसान जहर खाने को मजबूर है। एक रुपए किलो में मंडी का भाड़ा तक नहीं निकल रहा है। मोदी सरकार के समय किसानों की सुध नहीं है। मंडी व्यापारी बोले- नेपाल व बांग्लादेश में भी प्याज नहीं जा रही मंडी के व्यापारी पप्पू प्रधान ने कहा- अलवर की लाल प्याज फाइव स्टार होटलों की पसंद है। पहले बांग्लादेश, नेपाल व पाकिस्तान में अधिक जाती थी। लेकिन अब तीनों जगह नहीं जा रही है। अलवर की लाल प्याज में नमी अधिक रहती है। इस कारण इसका स्टोरेज नहीं होता है। दुबई में अलवर की बजाय महाराष्ट्र व एमपी का प्याज अधिक जाता है। हमने बार-बार सरकार से अपील की है कि अलवर प्याज को लेकर रीति-नीति तय हो। किसान की प्याज की निर्यात करने के इंतजाम किए जाएं, लेकिन कुछ नहीं हुआ है। कीथूर के रहने वाले बुजुर्ग किसान अमीलाल ने कहा- कैसे शादी करेंगे। गरीब क्या करेगा। आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं। कैसे बच्चों का पालन करेंगे। पहले ही कर्ज था। अब शादी ब्याह में कर्ज लेना पड़ेगा। किसान रामहेत ने कहा- प्याज में बहुत मंदी है। 100 से 200 रुपए में पूरा कट्टा जाता है। 25 नवंबर को बेटे की शादी है। पहले ही कर्ज था। अब शादी में भी कर्ज लेना पड़ेगा। ये भी पढ़ें… प्याज के भाव- 2 रुपए किलो, किसान बोले-जहर खाना पड़ेगा:कभी पाकिस्तान-बांग्लादेश जाता था, अब खरीदार नहीं मिल रहे; नाले में फेंकने को मजबूर राजस्थान के अलवर में देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी है। यहां का लाल प्याज श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश में काफी पसंद किया जाता है, लेकिन इस साल हालात बिल्कुल अलग है। (पूरी खबर पढ़ें)
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