अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल को घुसपैठियों का अड्डा बताने के प्रयासों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी जानबूझकर बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। टीएमसी नेता ने पूछा कि क्या दस करोड़ बंगालियों का अपमान करने वालों में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का साहस होगा? पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को घुसपैठियों का अड्डा बताने की भाजपा की सोची-समझी साजिश तथ्यों के सामने धराशायी हो गई है।
इसे भी पढ़ें: West Bengal में वोटर लिस्ट से नाम कटने पर टीएमसी सख्त, भवानिपुर में घर-घर जांच के निर्देश
टीएमसी नेता ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार को जारी मतदाता सूची के मसौदे ने भाजपा के एक से डेढ़ करोड़ रोहिंग्या मतदाताओं के नाम हटाए जाने के सनसनीखेज दावों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। इससे बंगाल को बदनाम करने और चुनावी लाभ के लिए समुदायों को ध्रुवीकृत करने का एक सुनियोजित प्रयास उजागर हुआ है। उन्होंने बाद में भाजपा नेताओं से जवाबदेही की मांग करते हुए सवाल किया कि क्या दस करोड़ बंगालियों का अपमान करने वालों में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का साहस होगा?
बनर्जी ने आगे कहा कि भाजपा द्वारा चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके बंगाल में एसआईआर कराने की कोशिश पूरी तरह विफल हो गई है। बांग्लादेशियों का अड्डा कहकर बंगाल का अपमान करने वालों को जनता के सामने आकर बंगाल के दस करोड़ लोगों से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा की विभाजनकारी राजनीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने बंगाल को घुसपैठियों का अड्डा कहकर बदनाम किया और एक से डेढ़ करोड़ रोहिंग्या मतदाताओं के नाम हटाए जाने का दावा किया, उनके दावों को चुनाव आयोग ने खुद खारिज कर दिया है।”
इसे भी पढ़ें: West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में कितने वोटरों के नाम कटे? SIR ड्राफ्ट लिस्ट जारी
घुसपैठ की चिंताओं को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए अभिषेक ने कहा, “अगर घुसपैठ का मुद्दा है, तो जवाबदेह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं, जो सीमाओं को नियंत्रित करते हैं और सीआरपीएफ की कमान संभालते हैं।” बंगाल के बाहर की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, “बंगाल को छोड़िए, पहलगाम में जो हुआ उसे देखिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कश्मीर पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है। फिर घुसपैठिए वहां कैसे घुस रहे हैं? दिल्ली में, 11 नवंबर को बिहार चुनाव परिणाम घोषित होने से कुछ ही दिन पहले, एक विस्फोट में लोगों की मौत हो गई। इसकी जिम्मेदारी किसकी थी? जो लोग बंगालियों को घुसपैठिया बताते हैं, उन्हें परेशान करते हैं, देश से निकालते हैं और यहां तक कि बंगाली को भाषा मानने से भी इनकार करते हैं, उन्होंने बंगालियों पर लक्षित अत्याचार किए हैं।”
https://ift.tt/S2qzWgr
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply