क्या पाकिस्तान को सता रहा है PoK खोने का डर? शहबाज ने आर्मी से कहा- एक भी गोली नहीं चलेगी

क्या पाकिस्तान को सता रहा है PoK खोने का डर? शहबाज ने आर्मी से कहा- एक भी गोली नहीं चलेगी

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 3 दिन से जारी हिंसक प्रदर्शन में 12 लोग मारे जा चुके हैं. तीसरे दिन डाडयाल में प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच झड़प हुई. सरकार ने विरोध को शांत करने के लिए हजारों और सैनिकों की तैनाती की है. हिंसा का असर मुजफ्फराबाद के अलावा रावलकोट, नीलम घाटी और कोटली तक है. इस मामले पर पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ का बयान सामने आया है.

शरीफ ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रदर्शनकारियों के साथ संयम और सहिष्णुता बरतनी चाहिए. जनता की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करें और किसी भी जब तक जरूरी न हो कठोर कार्रवाई से बचें. शहबाज ने मामले की पारदर्शी जांच और मारे गए लोगों के परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने का निर्देश भी दिया है. ‘पीपुल्स एक्शन कमेटी’ पिछले 3 दिनों से PoK में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही है. बुधवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में 3 पुलिसकर्मी मारे गए और 150 घायल हो गए.

PoK में हालिया विवाद क्या है?

29 सितंबर 2025 को अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और अनिश्चितकालीन ‘शटर-डाउन और व्हील-जाम’ हड़ताल का आह्वान किया. हजारों लोगों ने अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया, जिसमें आटे और बिजली पर सब्सिडी, और कश्मीरी शरणार्थियों के लिए 12 आरक्षित विधानसभा सीटों को समाप्त करने की मांग की गई.

PoK में हिंसा क्यों भड़की?

PoK में हिंसा का मूल कारण गहरा आर्थिक और राजनीतिक असंतोष है. यहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान उनके संसाधनों का इस्तेमाल करता है, लेकिन बुनियादी अधिकारों से वंचित रखता है. मई 2024 में इसे लेकर प्रदर्शन हुए थे तब सरकार ने गेहूं और बिजली पर सब्सिडी का वादा किया. लेकिन वादे आधे-अधूरे उपायों में फीके पड़ गए. पाकिस्तानी सरकार PoK से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के जरिए अरबों रुपए कमाती है, लेकिन स्थानीय लोगों को सस्ती बिजली तक नहीं मिलती. भ्रष्टाचार, उपेक्षा और संसाधनों की लूट की वजह से लोग सड़कों पर आ गए. पुलिस फायरिंग और झड़प की वदह से प्रदर्शन हिंसक हो गया.

पाकिस्तान PoK को क्यों नहीं खोना चाहता?

PoK पाकिस्तान के लिए रणनीतिक, आर्थिक और जियो पॉलिटिक्स के हिसाब से अहम है. गिलगित-बाल्टिस्तान को नक्शे में देखने पर ही इसकी रणनीतिक और भौगोलिक अहमियत समझ में आती है. इस रास्ते के बिना पाकि

स्तान का ग्वादर पोर्ट चीन के किसी काम का नहीं रहेगा. दरअसल, यहीं से होकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) गुजरता है, जो चीन को पाकिस्तान के ज़रिए मध्य और पश्चिम एशिया से जोड़ने की योजना है.

CPEC में चीन ने करीब 62 अरब डॉलर का निवेश किया है. यह चीन के पुराने सिल्क रोड को दोबारा शुरू करने की बड़ी योजना का हिस्सा है. अगर पाकिस्तान PoK खो देता है, तो यह पूरा गलियारा टूट जाएगा, जिससे चीन का अरबों डॉलर का नुकसान होगा और पाकिस्तान की सबसे बड़ी आर्थिक योजना भी खत्म हो जाएगी. इसके अलावा, PoK पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक रणनीतिक फायदा भी देता है. इसलिए, PoK सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि भारत, पाकिस्तान और चीन के लिए काफी अहम है.

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