क्या धनतेरस पर सोना जाएगा 1.5 लाख रुपए के पार? क्या कहते हैं जानकार
सोने की कीमतों में कमी आने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं. देश के वायदा बाजार में सुबह 2300 रुपए से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है. देश के वायदा बाजार से लेकर दिल्ली के सर्राफा बाजार तक सोने की कीमतों में 60 फीसदी से ज्यादा इजाफा देखने को मिल चुका है. साल 2022 से देखें तो सोने की कीमतों में 140 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी आ चुकी है. जानकारों का कहना है कि जिस तरह से ग्लोबल इकोनॉमी में बदलाव देखने को मिल रहा है और मॉनेटरी पॉलिसी जिस ओर जाने का इशारा कर रही हैं. सोने की कीमतें धनतेरस पर एक ऐसे लेवल पर पहुंच सकती हैं, जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि क्या इस धनतेरस पर सोने के दाम 1.5 लाख रुपए के लेवल को छू सकते हैं या नहीं. अगर नहीं तो ये लेवल कब तक दिखाई दे सकता है.
धनतेरस पर कितना रहेगा गोल्ड?
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च प्रमुख वंदना भारती ने मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में कहा कि रिकॉर्ड ऊंची कीमतें होने के बाद भी सेंट्रल बैंकों की खरीदारी, ईटीएफ की मजबूत डिमांड, ब्याज दरों में कटौती और डॉलर इंडेक्स में गिरावट की वजह से सोने और चांदी की की कीमतों में तेजी बनी रह सकती हैं. उन्होंने कहा कि इस धनतेरस पर सोना 1,20,000 रुपए से 1,30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के बीच कारोबार करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि साल 2026 की शुरुआत में देश में गोल्ड के दाम 1,50,000 रुपए तक पहुंच सकते हैं.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर, दिसंबर अनुबंध के लिए सोने की कीमतें पहले ही 1.23 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर गई हैं. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, ग्लोबल इकोनॉमिक अनसर्टेनिटी, जियो पॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के कारण यह तेजी आई है. कमजोर अमेरिकी डॉलर ने दूसरी करेंसी में में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए सोना अधिक किफायती बना दिया है, जिससे मांग को और बढ़ावा मिला है.
ईटीएफ डिमांड मजबूत
एक अन्य प्रमुख फैक्टर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों का द्वारा सोने की लगातार खरीदारी है. जैसे-जैसे देश अमेरिकी डॉलर से हटकर अपने रिजर्व में विविधता ला रहे हैं, सोने की आधिकारिक खरीद कई दशकों के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गई है. इस बीच, अस्थिर शेयर बाजारों और बॉन्ड यील्ड के बीच निवेशक सेफ हैवन की तलाश कर रहे हैं, जिसकी वजह से एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में नए सिरे से निवेश देखने को मिल रहा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, सितंबर 2025 में भारतीय गोल्ड ETF में 902 मिलियन डॉलर का शुद्ध निवेश हुआ, जो अगस्त की तुलना में 285 फीसदी की वृद्धि है.
भारत ग्लोबल लेवल पर अमेरिका, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के बाद चौथे स्थान पर रहा, जिसने दुनिया के 17.3 बिलियन डॉलर के निवेश में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसी प्रकार, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च और अप्रैल 2025 में छोटे निवेश के बाद, सितंबर में 8,363 करोड़ रुपए के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गया, जबकि अगस्त में यह 2,190 करोड़ रुपए था, जिसमें 282 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. गोल्ड ईटीएफ का कुल एयूएम अब 90,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. ऑग्मोंट की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि अगर मौजूदा मैक्रो ट्रेंड जारी रहे तो 2026 के मध्य से अंत तक सोना 1.5 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है.
क्या इस धनतेरस पर सोना जाएगा 1.5 लाख के पार?
सोने को लेकर आशावाद मजबूत बना हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ इस त्योहारी सीजन में 1.5 लाख रुपए के आंकड़े को तुरंत पार करने की उम्मीद नहीं लगा रहे हैं. जानकारों की मानें तो महंगाई को लेकर निवेशकों में लगातार चिंता बनी हुई है, जिसकी वजह से उनका रुझान सोने पर बना हुआ है. हालांकि, जब तक करेंसी क्राइसिस या गंभीर भू-राजनीतिक उथल-पुथल जैसा कोई बड़ा झटका न लगे, इस धनतेरस सोने के 1,50,000 रुपये के पार पहुंचने की संभावना नहीं है. वह निकट भविष्य में 1,26,000-1,28,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के बीच रहने की संभावना जता रहे हैं. विश्लेषकों को उम्मीद है कि सोने की तेजी 2026 तक जारी रहेगी. वो भी तब जब ग्लोबल ब्याज दरें गिरने लगे और महंगााई स्थिर रे. केंद्रीय बैंक की पॉलिसीज, जियो पॉलिटिकल रिस्क और करेंसी सोने की आगे की दिशा तय करने वाले प्रमुख इंडीकेटर बने रहेंगे.
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