अमेरिकी रक्षामंत्री पीट हेगसेथ पर 2 लोगों की हत्या के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके चलते उनकी कुर्सी खतरे में आ गई है। इससे जुड़ा एक 40 मिनट का सीक्रेट वीडियो भी चर्चा में है, जिसमें कैरेबियन सागर में लोगों को ड्रोन हमला कर मारने का फुटेज है। अब अमेरिकी संसद रक्षा मंत्रालय पर दबाव बना रही है कि वह अमेरिकी हमलों के अनएडिटेड वीडियो उसे सौंपे। इसके लिए कांग्रेस ने पेंटागन चीफ पीट हेगसेथ के यात्रा बजट का 25% रोकने का फैसला किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हेगसेथ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इसके चलते राष्ट्रपति ट्रम्प पर हेगसेथ के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ा रहा है। अमेरिका ने नाव पर हमला क्यों किया? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश में ड्रग्स के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है। इसी के तहत वेनेजुएला और साउथ अमेरिकी देशों से ड्रग लेकर आने वाले तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्हें कैरेबियन सागर में ही निशाना बनाया जा रहा है। ट्रम्प इन तस्करों को नार्को टेररिस्ट बता रहे हैं। इसी कार्रवाई के तहत 2 सितंबर को अमेरिकी सेना ने कैरिबियन सागर एक नाव पर ड्रोन हमला किया था। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक हेगसेथ ने सबको मारने का आदेश दिया। नाव पर 11 लोग सवार थे। ड्रोन से जब हमला किया गया तो इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 लोग घायल हुए। इसके बाद ड्रोन से दूसरा हमला किया गया, इसमें बचे हुए दोनों लोगों की मौत हो गई। रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक नार्को टेररिस्ट के खिलाफ सेना ने ऐसी कुल 21 ड्रोन स्ट्राइक की हैं। इनमें 82 लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि इन मारे गए लोगों की ड्रग तस्करों के तौर पर स्पष्ट पहचान नहीं हो पाई है। बचे हुए दोनों लोग निहत्थे थे, फिर भी मारा अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने 2 दिसंबर को ड्रोन अटैक का पूरा वीडियो देखा। समिति के सदस्यों ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे भयावह दृश्य था। दो निहत्थे लोग मदद की स्थिति में थे फिर भी अमेरिका ने उन्हें मार दिया। वीडियो में दिखता है कि दो लोग बिना शर्ट के नाव के टूटे हुए हिस्से को पकड़कर पानी में तैर रहे हैं। वे नाव को सीधा नहीं कर पाते और फिर अपने हाथ उठाकर सरेंडर का संकेत देते हैं। इसी बीच एडमिरल फ्रैंक ब्रैडली दोबारा हमला करने का आदेश देते हैं। हेगसेथ ने अपने एक शुरुआती बयान में माना था कि उन्होंने हमला लाइव देखा था। हालांकि बाद में वे अपना बयान बदलते रहे। हेगसेथ ने दूसरे हमले के फैसले का समर्थन किया है, लेकिन दूसरे हमले का आदेश देने की जिम्मेदारी नहीं ली है। उन्होंने कहा है कि आखिरी हमला एडमिरल फ्रैंक ब्रैडली के कहने पर किया गया। हेगसेथ के बचाव में आए एडमिरल फ्रैंक एडमिरल फ्रैंक ब्रैडली 4 दिसंबर को संसद में पेश हुए। इस दौरान फ्रैंक ने कहा कि हेगसेथ ने नाव पर सवार सभी लोगों को मारने का आदेश नहीं दिया। संसद में पेश होने से पहले फ्रैंकने दावा किया था कि उन्होंने दूसरा हमला करने से पहले कानूनी सलाहकारों से पूछताछ की थी। बंद कमरे में दिखाए गए पूरे वीडियो में बताया गया कि नाव इसलिए तैर रही थी क्योंकि उसके अंदर अभी भी कोकीन के बैग थे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि बचे हुए लोग नाव को वापस वेनेजुएला ले जाते या मदद बुलाते और फिर ड्रग्स पहुंचाने की कोशिश करते। लेकिन अमेरिकी कानून के जानकारों के मुताबिक युद्ध के नियम साफ हैं। इनके मुताबिक जो व्यक्ति घायल हो, बेहोश हो, या पानी में डूब रहा हो और लड़ाई में हिस्सा नहीं ले सकता, उस पर हमला करना युद्ध अपराध है। पहले भी विवादों में घिर चुके हैं हेगसेथ यह पहला मौका नहीं है जब पीट हेगसेथ किसी विवाद में फंसे हैं। मार्च में हेगसेथ ने यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले के प्लान को लीक कर दिया था। हेगसेथ ने प्लान को सिग्नल एप पर एक सीक्रेट ग्रुप चैट में शेयर किया था। इस ग्रुप में द अटलांटिक मैगजीन के मुख्य संपादक जैफ्री गोल्डबर्ग भी जुड़े हुए थे। जेफ्री गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें गलती से इस ग्रुप चैट में जोड़ दिया गया था। यह ग्रुप सिक्योर मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर बनाया गया था। इससे पहले 2017 में हेगसेथ पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। बाद में हेगसेथ ने महिला को 50 हजार डॉलर (43 लाख से रुपए से अधिक) दिए थे।
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