कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 : विदेश नीति का उद्देश्य उपयोगी रिश्ते बनाना, विदेश मंत्री ने ट्रंप टैरिफ पर कही बड़ी बात

कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 : विदेश नीति का उद्देश्य उपयोगी रिश्ते बनाना, विदेश मंत्री ने ट्रंप टैरिफ पर कही बड़ी बात

नई दिल्ली में आयोजित कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 का रविवार को समापन हो गया. इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय क्षमताओं के साथ-साथ विभिन्न स्रोतों से सहयोग लेकर पूरा कर सकता है. इससे जोखिम भी कम होगा और देश की मजबूती बढ़ेगी.

जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति का मूल उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा उपयोगी रिश्ते बनाना है, लेकिन ऐसे संबंध किसी एक देश के पक्ष में झुके न हों, ताकि दूसरे संभावित साझेदारों के साथ मौके न छूटें. यह नीति संतुलन की मांग करती है क्योंकि कई देशों के हित आपस में टकराते हैं. इस पर भी ध्यान दिया गया है. इसे मल्टी-अलाइनमेंट नीति कहा जाता है, जिसका मतलब है कि भारत अलग-अलग देशों और क्षेत्रों के साथ समान रूप से अच्छे संबंध बनाए रखे.

भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और परिपक्व हो चुके हैं. उन्होंने यह भी माना कि दोनों देशों के बीच कुछ चुनौतियां अभी भी हैं, खासकर व्यापार और ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में, जिन पर मिलकर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ अनुचित हैं और भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा कि हमारी व्यापारिक बातचीत अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. इसी कारण अमेरिका ने कुछ शुल्क लगाए हैं, जिन्हें हमने स्पष्ट रूप से गलत बताया है.

भारत पर सवाल क्यों?

रूस से तेल आयात को लेकर भी अमेरिका की असहजता पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है. उन्होंने कहा कि जब दूसरे देश जिनके रूस से संबंध मधुर नहीं हैं वहां से तेल ले रहे हैं, तो भारत पर सवाल क्यों? हम इस दोहरे मापदंड को स्वीकार नहीं करते हैं. इस बात से अमेरिका को भी अवगत करा दिया गया है.

देश के भीतर भी आत्मनिर्भरता पर जोर

एस जयशंकर ने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत ने इस दिशा में ठोस आधार बनाया है। आने वाले 5 साल वैश्विक स्तर पर भारत के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे क्योंकि दुनिया तेजी से बदल रही है. लेकिन, भारत आत्मविश्वास और मजबूती के साथ इन चुनौतियों का सामना करेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की यह बहुमुखी विदेश नीति और राष्ट्रीय ताकत देश के लिए अच्छे नतीजे लेकर आएगी.

चुनौतियों को अवसरों में बदला

सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संबोधन दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने दूरदर्शिता और लचीलेपन के जरिए वैश्विक चुनौतियों को अवसरों में बदलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी, वैश्विक मंदी, ऊर्जा संकट जैसी स्थितियों में जहां दुनिया हिचक रही थी, वहीं भारत ने समाधान पेश किए और अपनी भूमिका को मजबूती से स्थापित किया.

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