मधेपुरा शहर के डीएमके सिनेमा हॉल परिसर में गुरुवार को छात्र-युवाओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य आगामी कोशी स्नातक निर्वाचन को लेकर गंभीर मंथन करना और क्षेत्र के लिए उपयुक्त प्रतिनिधित्व को लेकर साझा राय बनाना था। बड़ी संख्या में छात्रों और युवाओं की मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि कोशी स्नातक क्षेत्र में अब युवा वर्ग अपने अधिकारों और भविष्य को लेकर संगठित रूप से सोचने लगा है। स्वच्छ छवि और जमीनी जुड़ाव वाले उम्मीदवार पर जोर बैठक में वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार ऐसा प्रतिनिधि चुनावी मैदान में उतरना चाहिए, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो, जो वर्षों से छात्रों और युवाओं के हक-हकूक के लिए संघर्ष करता रहा हो। चर्चा के दौरान यह बात उभरकर सामने आई कि केवल राजनीतिक पहचान या पद का अनुभव ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि जमीनी जुड़ाव, संघर्ष और आम लोगों के दुख-सुख में भागीदारी भी जरूरी है। बेरोजगारी बना मुख्य मुद्दा बैठक में कोशी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी को बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि हजारों की संख्या में स्नातक युवा पढ़ाई पूरी करने के बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं। यह स्थिति सरकार की नीतियों और इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े करती है। छात्र नेताओं ने कहा कि विधान परिषद में ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो बेरोजगारी के मुद्दे को मजबूती से उठाए और सरकार पर प्रभावी दबाव बनाए। नाम नहीं, विचार पर हुई चर्चा बैठक की खास बात यह रही कि किसी भी संभावित प्रत्याशी के नाम पर औपचारिक चर्चा नहीं की गई। वक्ताओं ने कहा कि फिलहाल उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष को आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि सही सोच और सही दिशा तय करना है। जब विचार स्पष्ट होंगे, तब चेहरा स्वतः सामने आएगा। यह सोच बैठक को पारंपरिक राजनीतिक बैठकों से अलग बनाती नजर आई। कोशी स्नातक क्षेत्र की व्यापकता पर चर्चा जितेंद्र यादव उर्फ जेडी यादव ने कहा कि कोशी स्नातक क्षेत्र चार प्रमंडलों में फैला हुआ है, जिससे चुनावी चुनौती बड़ी है। उन्होंने कहा कि समय भले ही कम हो, लेकिन छात्र-युवा हर मतदाता तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। उनका मानना है कि अब स्नातक मतदाता केवल नाम और दल देखकर वोट नहीं करेगा, बल्कि मुद्दों और संघर्ष को प्राथमिकता देगा। पुराने चेहरों से मोहभंग, नए नेतृत्व की मांग छात्र नेता रौशन कुमार बिट्टू और अमन कुमार रितेश ने कहा कि वर्षों से कोशी क्षेत्र के छात्र-युवा पुराने और परंपरागत चेहरों के बीच उलझे रहे हैं। परिणाम यह हुआ कि समस्याएं जस की तस बनी रहीं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि एक युवा, ऊर्जावान और संघर्षशील प्रतिनिधि को विधान परिषद में भेजा जाए, जो छात्रों और युवाओं की वास्तविक आवाज बन सके। युवा नेतृत्व से बदलाव की उम्मीद युवा नेता मिथुन यादव और पिंटू कुमार ने कहा कि आज का युवा केवल भाषण नहीं, ठोस काम चाहता है। उन्होंने कहा कि कोशी क्षेत्र के छात्र अब जागरूक हो चुके हैं और वे ऐसा नेतृत्व चाहते हैं जो शिक्षा, रोजगार और क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दे। उनका मानना है कि यदि छात्र-युवा एकजुट होकर सही निर्णय लें, तो कोशी स्नातक निर्वाचन में बड़ा बदलाव संभव है। बड़ी संख्या में युवाओं की सहभागिता बैठक में मिथुन यादव, राजू कुमार मन्नू, प्रवीण कुमार, विवेक यादव, राजा बाबू, अनिल कुमार, सुशील कुमार, आनंद शंकर, मो. सलाम, अभिनाश सिंह, रौशन अली, मो. इरफान, सोनू जी स्टार, सोनू कुमार, हिमांशु कुमार, ई-सचिन, छोटू कुमार, प्रिंस प्रतोष, ई-सोनू, सुशांत कुमार, जेपी यादव और अजय कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र-युवा उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि आने वाला समय युवाओं का है और वे अपने भविष्य को लेकर अब चुप नहीं रहेंगे। आगे की रणनीति पर मंथन जारी बैठक के अंत में यह तय किया गया कि आने वाले दिनों में कोशी क्षेत्र के अन्य जिलों में भी इसी तरह की बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि व्यापक सहमति बन सके। छात्र-युवाओं ने संकल्प लिया कि वे संगठित रहकर, मुद्दों के आधार पर कोशी स्नातक निर्वाचन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और अपने हक की लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।
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