जनरल द्विवेदी इसे लेकर कहा था कि ये तो एक परेशानी रहती है क्योंकि जब वो युवा एनडीए में आता है तो उसको जो मुझे बताया गया है कि सबसे पहले तो कैबिन में ढूंढा जाता है कहां पे फोन छुपा रखा है. तीन से छह महीने लगते हैं कैडेट को बताने के लिए कि बिना फोन के भी जिंदगी है, लेकिन क्या स्मार्टफोन आज की जरूरत है?
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