कैमूर के मां मुंडेश्वरी सभागार में बुधवार को मद्य निषेध दिवस का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी कैमूर की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, जीविका दीदी, शिक्षक और बड़ी संख्या में आमजन शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से हुई। इसमें बिहार सरकार के मद्यनिषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग के मंत्री तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों का पुष्प-गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इसके बाद नशा मुक्ति संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए एक LED वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मुख्य अतिथि और अधिकारियों ने निरीक्षण किया कार्यक्रम स्थल पर जीविका और कला-संस्कृति विभाग ने नशा मुक्ति पर एक विशेष प्रदर्शनी लगाई, जिसका मुख्य अतिथि और अधिकारियों ने निरीक्षण किया। मंच पर दीप प्रज्वलन के साथ औपचारिक रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। नशा उन्मूलन पर प्रभावी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं जीविका समूह की महिलाओं ने ‘नशा मुक्त भारत’ विषय पर एक लघु नाटक प्रस्तुत किया, जिसकी दर्शकों ने सराहना की। शिक्षा विभाग के स्कूली बच्चों ने भी नशा उन्मूलन पर प्रभावी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर नशा मुक्ति अभियान में सराहनीय योगदान देने वाले कर्मियों और अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जीविका समूह ने आमजन के बीच जागरूकता सामग्री, जैसे कि शर्ट और पोस्टर, वितरित किए। ‘नशा समाज की प्रगति और युवाओं की ऊर्जा के लिए एक बड़ा खतरा’ बिहार के पुलिस महानिदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि नशा समाज की प्रगति और युवाओं की ऊर्जा के लिए एक बड़ा खतरा है, जिसे केवल सामूहिक प्रयासों से ही दूर किया जा सकता है। जिला पदाधिकारी कैमूर ने जिले में चल रही नशा मुक्ति गतिविधियों की समीक्षा प्रस्तुत की और सभी विभागों को जागरूकता कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। कार्यक्रम के अंत में जिला पदाधिकारी ने सभी उपस्थित लोगों को नशा मुक्त रहने और समाज को नशा मुक्त बनाने की सामूहिक शपथ दिलाई। इस दौरान पूरा सभागार संकल्प की भावना से गूंज उठा।
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