भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुई थी और यह अब अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। शताब्दी वर्ष की औपचारिक शुरुआत 26 जनवरी 2024 को की गई थी। इस अवसर पर जिला सचिव प्रोफेसर कमला सिंह ने पार्टी के संघर्षमयी इतिहास और वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पार्टी का लाल झंडा किसानों और मजदूरों के बलिदान का प्रतीक है। भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की शहादत को याद किया प्रोफेसर सिंह ने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की शहादत को याद किया और कहा कि भारतीय युवा रूसी क्रांति से प्रेरित होकर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे। शोषित वर्ग की आवाज उन्होंने देश की वर्तमान स्थिति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि समाज को जाति, धर्म, संप्रदाय और अमीर-गरीब के नाम पर विभाजित किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी किसी एक जाति की नहीं, बल्कि शोषित वर्ग की आवाज है। शताब्दी वर्ष के समापन पर कार्यकर्ताओं ने शपथ ली कि वे किसानों और मजदूरों के हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। प्रोफेसर सिंह ने दोहराया कि वे गरीबों के हक के लिए किसी भी बलिदान को तैयार हैं।
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