DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

कैमूर के सरकारी स्कूलों में मासिक कैलेंडर जरूरी:शैक्षणिक सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने अपनाया सख्त रुख

कैमूर के सभी सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों की गुणवत्ता सुधारने को लेकर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। अब जिले के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में समय तालिका के अनुरूप मासिक शैक्षणिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) राजन कुमार ने सभी संबंधित अधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) को स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरंतरता आएगी और शैक्षणिक स्तर में अपेक्षित सुधार संभव होगा। निरीक्षण में उजागर हुईं गंभीर खामियां डीईओ राजन कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में किए गए विद्यालय निरीक्षण के दौरान कई चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। जांच में यह पाया गया कि जिले के कई विद्यालयों में मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। कई जगह समय तालिका का पालन केवल कागजों तक सीमित है, जबकि वास्तविक कक्षा संचालन में लापरवाही बरती जा रही है। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है और निर्धारित समय में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है। विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि समय पर सिलेबस पूरा नहीं होना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई नहीं होती है तो छात्रों को परीक्षा के समय भारी दबाव झेलना पड़ता है और उनकी समझ भी कमजोर रहती है। यही कारण है कि अब शिक्षा विभाग इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। बीईओ को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीईओ ने निर्देश दिया है कि बीईओ अपने-अपने प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में नियमित रूप से निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि समय तालिका और मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही कक्षाओं का संचालन हो रहा है। जहां भी अनियमितता पाई जाएगी, वहां तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रधानाध्यापकों के साथ अनिवार्य बैठक निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं और शैक्षणिक कार्यक्रमों की पूरी जानकारी विद्यालय स्तर तक नहीं पहुंच पा रही है। इस कमी को दूर करने के लिए सभी बीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों के साथ हर महीने अनिवार्य बैठक करें। इन बैठकों में न केवल मासिक शैक्षणिक कैलेंडर की समीक्षा की जाएगी, बल्कि शिक्षण गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति और योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विस्तार से चर्चा होगी। शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार पर विशेष फोकस डीईओ राजन कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग का लक्ष्य केवल कक्षाएं चलाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई होने से शिक्षकों को भी यह स्पष्ट रहेगा कि किस महीने कौन-सा पाठ पढ़ाना है और किस स्तर तक विद्यार्थियों को तैयार करना है। इससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक योजनाबद्ध और प्रभावी होगी। लापरवाही पर होगी कार्रवाई शिक्षा विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि यदि निर्देशों के बावजूद किसी विद्यालय में शैक्षणिक कैलेंडर का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। विभागीय स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी और रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजी जाएगी। अभिभावकों को भी मिलेगा लाभ इस सख्त व्यवस्था का सीधा लाभ विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी मिलेगा। जब सिलेबस समय पर पूरा होगा और पढ़ाई नियमित होगी, तो बच्चों की शैक्षणिक प्रगति बेहतर होगी। इससे अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा भी मजबूत होगा। कुल मिलाकर, कैमूर जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और अनुशासित बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यदि इन निर्देशों का सही तरीके से पालन किया गया, तो आने वाले समय में जिले के सरकारी विद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है।


https://ift.tt/gfqQrOt

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *