यह साल का G20 शिखर सम्मेलन कोई साधारण कूटनीतिक आयोजन नहीं था बल्कि यह वैश्विक शक्ति संतुलन में एक ऐतिहासिक मोड़ बन गया जिसमें भारत ने न सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका निभाई बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि अब वैश्विक पटल पर असली नेतृत्व कौन कर रहा है। दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में हुआ यह सम्मेलन शुरू से अंत तक ड्रामा, सस्पेंस और अप्रत्याशित राजनीतिक जीत से भरा रहा, लेकिन इस बार सबसे बड़ा तमाशा अमेरिका का था। डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार G20 का खुला बॉयकॉट किया। दक्षिण अफ्रीका नहीं आए और धमकी दी कि उनके बिना कोई संयुक्त घोषणा पारित नहीं होगी। लेकिन जिस पल का दुनिया को इंतजार था, वह तब आया जब दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मंच से हटकर अपने सहयोगियों के साथ प्राइवेट बातचीत शुरू की।
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राष्ट्रपति रामा फोसा ने गलती से पूरी दुनिया के सामने वह बात बोल दी जो ऑफ द रिकॉर्ड रहनी चाहिए थी। और सबसे मजेदार उनका माइक्रोफोन और कैमरा चालू था बिना उनकी जानकारी के। यह वही पल था जब विदेश मंत्री भागते-भागते आए और बोले साहब कैमरा खुला है और जो लीक हुआ वो जी20 का सबसे बड़ा राजनैतिक रहस्य था। आज हम इसी वायरल गलती, उसके अंदर के राज और उसके बाद हुए धमाके की पूरी खबर खोलने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं। दरअसल इस बार G20 साउथ अफ्रीका में हो रहा था और पूरी दुनिया की नजरें इस समिट पर थी। लेकिन तभी सबसे बड़ा झटका लगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साउथ अफ्रीका आने से इंकार कर दिया और इतिहास में पहली बार G20 का बॉयकॉट कर दिया। इस फैसले ने G20 देशों में बेचैनी फैला दी।
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साउथ अफ्रीका, अमेरिका रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया और बाक़ी देशों के लिए समिट का माहौल बिल्कुल बदल दिया। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह दलील दी गई कि हमारे बिना किसी तरह के घोषणा पारित नहीं हो सकती। यानी अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका ने कहा कि G20 में हमारी सहमति के बिना कुछ भी नहीं होगा। यहीं से साउथ अफ्रीका और अमेरिका के बीच बयानबाजी शुरू हो गई। समिट के दौरान राष्ट्रपति रामा फोसा ने मंच पर एक लंबा भाषण दिया। उन्होंने अपनी बातचीत, वैश्विक मुद्दों और साझेदार देशों के सहयोग पर अपनी बात रखी। फिर वे अपने मेहमानों के साथ ऑफ कैमरा प्राइवेट डिस्कशन में शिफ्ट हो गए। यह वो हिस्सा था जिसे किसी भी कीमत पर कैमरा रिकॉर्ड नहीं करता। लेकिन माइक ऑन रह गया। कैमरा ऑन रह गया और पूरा कैमरा लाइव रिकॉर्ड हो रहा था।
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रामाफूसा को इसका अंदाजा तक नहीं था। उनके सामने कई देश के राष्ट्रध्यक्ष मौजूद थे और अचानक उन्होंने एक ऐसा राजनीतिक कदम कंफर्म कर दिया जिसे दुनिया से छुपाया जा रहा था। उनके शब्द थे हम अब अपनी घोषणा को अपनाने के लिए आगे बढ़ेंगे। यह वाक्य सिर्फ एक लाइन नहीं था। यह उस अंतिम जी20 डिक्लेरेशन की पुष्टि थी जो पूरी दुनिया के लिए अत्यंत संवेदनशील था। क्योंकि अमेरिका मौजूद नहीं था। अमेरिका इसके खिलाफ था और दावा कर रहा था कि उसके बिना आम सहमति असंभव है। लेकिन रामा फोसा ने गलती से यह बता दिया कि G20 देश पहले ही घोषणा पर सहमति बना चुके हैं।
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