केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दिए एक व्यक्ति को काम प्रदान किये जाने वाले दिनों की संख्या बढ़ाकर 150 दिन करने को मंज़ूरी दे दी है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र के इस कदम का स्वागत किया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र शासित प्रदेश के बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत प्रति परिवार 100 दिनों के अलावा 50 दिनों के अतिरिक्त रोजगार का लाभ देने की सिफारिश की थी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण सार्वजनिक कार्यों में रोजगार की बढ़ती मांग को देखते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जम्मू-कश्मीर के प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार 100 दिनों के अलावा 50 दिनों तक का अतिरिक्त रोजगार प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
सिन्हा ने मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान किये जाने के दिनों की सीमा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया।
उपराज्यपाल ने शुक्रवार देर रात एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभारी हूं कि उन्होंने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में मनरेगा के तहत प्रदान किए जाने वाले कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाकर 150 दिन कर दी है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1,962 पंचायतों को ‘बाढ़ प्रभावित’ घोषित किया गया है, जिससे वहां रहने वाले लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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