भारत, नेपाल और बांग्लादेश सीमा से सटे बिहार के किशनगंज जिले में प्रस्तावित सेना कैंप को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस और AIMIM के नेता सेना का कैंप बनाने के विरोध में एक मंच पर आकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए वहां कैंप जरुरी है। आज बेगूसराय में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि समझ में नहीं आता है कि ओवैसी के पार्टी के लोग या कांग्रेस के लोग, आर्मी कैंप का क्यों विरोध कर रहे हैं। यह कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना वाली बात है। किशनगंज ऐसा जिला है जहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से आर्मी कैंप होना 200 प्रतिशत सही है। गिरिराज सिंह ने कहा- जहां आर्मी कैंप बनेगा, किसानों को जमीन का मुआवजा मिलेगा गिरिराज सिंह ने कहा कि आर्मी कैंप जहां भी बनेगा, वहां किसानों को सरकार मुआवजा देगी। सड़क बनता है या जो कुछ बनता है उसमें 90 प्रतिशत अधिग्रहण किसानों की जमीन का किया जाता है। उसका मुआवजा दिया जाएगा। इनका काम ही है विरोध करना, यह लोग कहीं निगाहें और कहीं पर निशाना रखते हैं। किशनगंज में हर हाल में आर्मी कैंप बनना चाहिए। गिरिराज सिंह ने कहा कि किशनगंज अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर है। वहां से घुसपैठिए आते-जाते रहता है, यह सुरक्षा का बहुत बड़ा इश्यू है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से किशनगंज में आर्मी कैंप होना बहुत जरूरी है। यह सिर्फ किशनगंज की सुरक्षा के जरुरी नहीं है और बिहार की सुरक्षा के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है। कांग्रेस, एआईएमआईएम ने सतभीट्टा, सकोर, नटुआ पाड़ा में आर्मी कैंप का विरोध किया है उल्लेखनीय है कि किशनगंज के केकोचाधामन और बहादुरगंज अंचल के सीमा स्थित सतभीट्टा, सकोर एवं नटुआ पाड़ा मौजा में प्रस्तावित सेना कैंप का विरोध करते हुए कांग्रेस तथा AIMIM ने जिला प्रशासन को आवेदन देकर कैंप का निर्माण कहीं अन्य करने की मांग की है। कांग्रेस और AIMIM नेताओ ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इसी को लेकर गिरिराज सिंह ने आज यह बातें कही है।
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