आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज ने रबी सीजन के लिए उन्नत बीजों का विक्रय शुरू कर दिया है। किसान विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर स्थित बीज विधायन संयंत्र से सरसों, चना, मसूर और गेहूं के बीज खरीद सकते हैं। यह केंद्र विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1 के सामने स्थित है। बीज खरीदने के लिए किसानों को किसी प्रकार के कागजात जमा करने की आवश्यकता नहीं है। बीज विधायन संयंत्र के प्रभारी डॉ. ऋषभ सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में बीजों की बिक्री के लिए यह एकमात्र केंद्र है। किसान इन बीजों को विश्वविद्यालय के कार्य दिवसों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. ऋषभ सिंह ने गेहूं की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी दी। किसानों के बीच गेहूं की डीबी डब्ल्यू 187 किस्म विशेष रूप से लोकप्रिय है। यह किस्म बुवाई के 135 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 70 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म में आयरन की मात्रा अधिक होती है। गेहूं की एचडी 2967 किस्म 150 से 155 दिनों में तैयार होती है और इसकी पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह कम पानी में भी अच्छी उपज देती है। इसी तरह, गेहूं डब्ल्यू 222 किस्म 140 से 150 दिनों में पकती है और 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है, जो कम पानी में बेहतर उपज के लिए जानी जाती है। इन सभी गेहूं प्रजातियों के बीज किसानों को 4680 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही, सरसों की आर एच 725, आर एच 761, आजाद महक और गिरिराज प्रजातियां भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे इन उन्नत बीजों को खरीदने के लिए अयोध्या मंडल के साथ-साथ रायबरेली, आजमगढ़, मऊ, लखनऊ, संत कबीर नगर, प्रतापगढ़ और पूर्वांचल के अन्य जिलों से भी किसान पहुँच रहे हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देवीपाटन मंडल के किसान यहाँ से बीज खरीदने के लिए सबसे अधिक संख्या में आते हैं।
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