चालू खरीफ सीजन में धान की पराली जलाने के मामलों पर कृषि विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। कैमूर जिले के विभिन्न प्रखंडों से मिली शिकायतों के बाद विभाग ने जांच और सत्यापन किया। इसके परिणामस्वरूप, कुल 208 किसानों का निबंधन (पंजीकरण) लॉक कर दिया गया है। इन किसानों को अगले तीन वर्षों तक केंद्र और राज्य सरकार की किसी भी कृषि योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी आ रहे मामले सरकार द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाने, वैकल्पिक फसल अवशेष प्रबंधन तकनीकें बताने और पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बावजूद हर साल ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। पराली जलाने से खेत की उर्वरता प्रभावित होती है और वायु प्रदूषण भी बढ़ता है, जिसका सीधा असर आमजन के स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि पराली जलाने के मामलों में सैटेलाइट इमेज, फील्ड जांच और स्थानीय सत्यापन के आधार पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली न जलाएं और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे कृषि यंत्रों तथा योजनाओं का उपयोग करें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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