कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर महास्थविर का शुक्रवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कुशीनगर में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उनके निधन से भिक्षु संघ में शोक व्याप्त है। भदंत ज्ञानेश्वर 11 अक्टूबर को बीमार हुए थे, जिसके बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। लगभग 20 दिनों के इलाज के बाद, उन्होंने 31 अक्टूबर दिन शुक्रवार की सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर दोपहर तक कुशीनगर पहुंचने की संभावना है। जानकारी के अनुसार, देश-विदेश के बौद्ध अनुयायियों के दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर 10 नवंबर तक रखा जाएगा। इसके बाद बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।भदंत ज्ञानेश्वर ने कुशीनगर में बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष के रूप में बौद्ध धर्म के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे साहित्यिक कार्यों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे।उन्हें म्यांमार के सर्वोच्च धार्मिक सम्मान “अभिधज्जा महारथ गुरु” से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय के रूप में जाना जाता है। म्यांमार सरकार ने उन्हें वर्ष 2021 में यह उपाधि प्रदान की थी। उन्होंने बौद्ध धर्म और कुशीनगर के विकास से संबंधित कई लेख और पुस्तकें लिखीं, जिनमें “भदंत ज्ञानेश्वर महास्थविर: जीवन एवं कृतित्व” प्रमुख है।
https://ift.tt/zCi1078
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply