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कुख्यात परीक्षा माफिया संजय पटना से गिरफ्तार:चालक सिपाही परीक्षा के ठीक पहले EOU की कार्रवाई, BPSC TRE-3 पेपर लीक में था वांटेड

केन्द्रीय चयन (सिपाही भर्ती) पर्षद की तरफ से बुधवार को आयोजित चालक सिपाही परीक्षा से ठीक पहले आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई की है। कुख्यात परीक्षा माफिया संजय कुमार प्रभात को पटना से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पिछले 21 महीनों से इस जांच एजेंसी को इसकी तलाश थी। 15 मार्च 2024 को हुए BPSC TRE-3 पेपर लीक मामले में इसका महत्वपूर्ण रोल था। संजय कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव मुखिया गैंग का सबसे एक्टिव मेंबर है। 14 दिसंबर को बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के द्वारा आयोजित परिवहन विभाग के प्रवर्तन अवर निरीक्षक की परीक्षा भी होनी है। गोला रोड से हुई गिरफ्तारी मंगलवार की देर शाम आधिकारिक बयान जारी कर EOU ने स्पष्ट किया है कि 10 और 14 दिसंबर को होने वाली परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार में एक्टिव परीक्षा माफियाओं के गैंग के खिलाफ सूचनाओं को जुटाए जाने के बाद एक ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसी के तहत सूचना मिली की कुख्यात परीक्षा माफिया संजय कुमार पटना के गोला रोड में छीपा है। इसके बाद ही टीम ने छापेमारी की और उसे पकड़ा। फिर शुरुआती जांच और पूछताछ के बाद उसे मंगलवार को जेल भेज दिया गया। संजय कुमार प्रभात मूल रूप से शेखपुरा के शेखोपुर सराय थाना के तहत शेखोपुर बाजार का रहने वाला है। इसके पिता का नाम राम लखन प्रसाद है। BPSC TRE 3 की परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने FIR नंबर 6/2024 दर्ज किया था। इस केस की जांच के दरम्यान संजय कुमार प्रभात का नाम सामने आया था। इस केस में ये वांटेड था। क्वेश्चन पेपर के लिए कैंडिडेट्स से लिए थे एक लाख आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार गिरफ्तारी के हुए पूछताछ में इसने बताया है कि इसके द्वारा BPSC TRE-3 परीक्षा में प्रत्येक कैंडिडेट्स को लीक क्वेश्चन पेपर उपलब्ध कराने के लिए एक- एक लाख बतौर कमीशन मिला था। इसके अलावा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं मे पेपर लीक कराकर इसने काफी रुपया कमाया है। वहीं हाल में होने वाले प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए भी कई कैंडिडेट्स से उनका एडमिट कार्ड ले रहा था। उन्हें परीक्षाओं में सेटिंग का आश्वासन दे रहा था। पूछताछ के क्रम में आये तथ्यों और मनी ट्रेल की अब जांच की जा रही है। BPSC TRE-3 में अब तक कुल 289 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। हैदराबाद पुलिस कर रही है जांच पेपर लीक करने में संजय कुमार प्रभात एक्सपर्ट माना जाता है। बिहार के अलावा दूसरे राज्यों में भी पेपर लीक का इसके खिलाफ केस दर्ज है। इसकी हिस्ट्री है। संजय कुमार प्रभात तेलंगाना स्टेट इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एवं मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (TS EAMCET) 2016 में हुए पेपर लीक में शामिल था। इस केस की जांच हैदराबाद पुलिस की CID कर रही है। 2016 में ही हुए ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट परीक्षा पेपर लीक में भी इसका हाथ था। इस मामले का केस उत्तराखंड के नैनीताल के रामनगर थाना में दर्ज है।


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