किशनगंज में लंबे समय से खाली पड़ी लगभग 1200 एकड़ सरकारी जमीन के विकास के उपयोग की मांग तेज हो गई है। जिला परिषद सदस्य नासिक नदीर ने इस संबंध में सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ठाकुरगंज, बहादुरगंज और कोचाधामन अंचलों में फैली इन जमीनों के सीमांकन का अनुरोध किया गया है। नदीर ने सुझाव दिया है कि इन बंजर पड़ी जमीनों पर मेडिकल कॉलेज, एम्स (AIIMS), विश्वविद्यालय, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम और सेना स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं। उनका मानना है कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र में विकास की नई लहर आएगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ज्ञापन में जमीन की जानकारी ज्ञापन में जमीन के विस्तृत स्थान का उल्लेख किया गया है। इसमें ठाकुरगंज अंचल के भोलमारा पंचायत के मौजा भोलमारा, बहादुरगंज अंचल के देशियाटोली पंचायत के मौजा दमदमा, लेल्हिया, मुरमैला, तथा कोचाधामन अंचल के पाटकोई पंचायत के मौजा पाटकोई कला, पाटकोई खुर्द धुरना, डेरामारी पंचायत के मौजा डेरामारी, कैराबाड़ी बालुबाड़ी (कुल 500 एकड़) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, किशनगंज अंचल के हालामाला पंचायत के मौजा हालामाला व अंधवाकोल में भी ये जमीनें बंजर पड़ी हैं। स्थानीय युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी नासिक नदीर ने बताया कि इन जमीनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे स्थानीय युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये जमीनें विकास का खजाना हैं और इन्हें सीमांकित कर बड़े प्रोजेक्ट्स स्थापित करने से न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि पूर्णिया प्रमंडल का चेहरा भी बदल जाएगा। ई. नासिक नदीर ने बताया कि वे 2019 से 2025 तक लगातार भूख हड़ताल, धरना-प्रदर्शन और न्यायिक आंदोलनों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं। उन्होंने सरकार की उदासीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्र पिछड़ रहा है और अब इन जमीनों को बर्बाद होने से बचाना आवश्यक है। ज्ञापन में संबंधित अंचलों में खाली पड़ी जमीन का शीघ्र सीमांकन कराने और विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
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