किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने आरटीपीएस पोर्टल के तहत लंबित आवेदनों की समीक्षा की। इस दौरान विभिन्न विभागों में हजारों आवेदन लंबित पाए गए, जिससे लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 के प्रभावी क्रियान्वयन पर सवाल उठे। समीक्षा बैठक में सामने आया कि सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित कुल 10,368 आवेदन अंचल, अनुमंडल और जिला स्तर पर समय सीमा के भीतर लंबित हैं। इनमें जाति, आय, आवासीय, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी प्रमाण पत्र जैसे मामले शामिल हैं। सर्वाधिक 2,539 आवेदन ठाकुरगंज अंचल में लंबित पाए गए, जबकि जिलाधिकारी कार्यालय में सबसे कम 43 आवेदन लंबित हैं। 24 ऑफलाइन आवेदन लंबित समय सीमा से बाहर लंबित आवेदनों की कुल संख्या 1,53,254 है, जिसमें अकेले किशनगंज में 52,970 आवेदन शामिल हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत 24 ऑफलाइन आवेदन समय सीमा के भीतर और 18 आवेदन समय सीमा से बाहर लंबित हैं। दिघलबैंक में इस श्रेणी के 19 आवेदन लंबित हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग (राशन कार्ड) में 3,283 ऑनलाइन आवेदन समय सीमा के भीतर लंबित हैं, जिनमें ठाकुरगंज में 611 और टेढ़ागाछ में 207 आवेदन शामिल हैं। इस विभाग में समय सीमा से बाहर 17,248 आवेदन लंबित पाए गए। समाज कल्याण विभाग (पेंशन) में 123 आवेदन समय सीमा के भीतर लंबित हैं, जिनमें बहादुरगंज प्रखंड में 40 आवेदन सर्वाधिक हैं। कृषि विभाग (माप-तौल) में 73 आवेदन समय सीमा के भीतर और 12 आवेदन समय सीमा से बाहर लंबित हैं। 560 ऑनलाइन आवेदन लंबित गृह विभाग (चरित्र प्रमाण-पत्र) के तहत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 560 ऑनलाइन आवेदन समय सीमा के भीतर लंबित हैं, जबकि समय सीमा से बाहर कोई आवेदन लंबित नहीं है। श्रम संसाधन विभाग में कोई भी आवेदन लंबित नहीं पाया गया, जिसे एक सकारात्मक पहलू माना गया। बैठक के दौरान, जिलाधिकारी विशाल राज ने कृषि विभाग के माप-तौल पदाधिकारी की अनुपस्थिति पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की और उनसे स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अधिकारियों को लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए।
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