किशनगंज सदर थाना क्षेत्र के महेश बथना स्थित पिछड़ा वर्ग कन्या प्लस-टू आवासीय उच्च विद्यालय के छात्रावास में शुक्रवार देर शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब रात का खाना खाने के कुछ ही देर बाद दर्जनों छात्राएं अचानक उल्टियां करने लगीं और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। हॉस्टल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। विद्यालय प्रबंधन ने तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था कर कुल 15 बीमार छात्राओं को सदर अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों की टीम ने उनका उपचार शुरू किया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, एक छात्रा की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जबकि बाकी छात्राओं को लगातार निगरानी में रखा गया है। हलुआ खाने के बाद बिगड़ी तबीयत अस्पताल में भर्ती छात्राओं ने बताया कि उन्होंने रात के खाने में हलुआ खाया था। भोजन के लगभग आधे घंटे बाद ही सभी छात्राओं को एक साथ उल्टी और चक्कर आने लगे। कई छात्राओं को पेट दर्द और कमजोरी की शिकायत भी हुई। एक छात्रा ने बताया, हम लोग हलुआ खाए थे, उसके कुछ देर बाद ही सबकी तबीयत खराब होने लगी। किसी को उल्टी हो रही थी, किसी को चक्कर आ रहा था। फूड पॉइजनिंग की आशंका सदर अस्पताल में मौजूद ड्यूटी चिकित्सक ने बताया कि शुरुआती जांच में यह फूड पॉइजनिंग का मामला प्रतीत हो रहा है। डॉक्टरों ने आवश्यक सैंपल लेकर लैब जांच के लिए भेज दिया है। डॉक्टर ने कहा, लक्षण देखकर लगता है कि भोजन में किसी तरह का संक्रमण था। सभी छात्राओं का इलाज चल रहा है। एक बच्ची की हालत थोड़ी गंभीर है, उसकी विशेष देखभाल की जा रही है। विद्यालय प्रशासन सवालों के घेरे में घटना के बाद अस्पताल पहुंचे विद्यालय के शिक्षक और वॉर्डन ने मीडिया से कहा कि उन्हें भोजन की गुणवत्ता को लेकर पहले कोई शिकायत नहीं मिली थी। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि भोजन कौन बनाता है और क्या उसकी नियमित जांच होती है, तो वे स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। विद्यालय के एक शिक्षक ने कहा, हमें देर शाम ही जानकारी मिली। फिलहाल हम पूरा ध्यान बच्चियों के इलाज पर दे रहे हैं। आगे की जानकारी जांच के बाद ही दी जा सकेगी। छात्राएं विभिन्न जिलों से आती हैं इस आवासीय विद्यालय में किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया सहित कई जिलों की छात्राएं रहकर पढ़ाई करती हैं। अधिकांश छात्राएं सामाजिक रूप से पिछड़े परिवारों से आती हैं और सरकार द्वारा संचालित इस हॉस्टल पर ही उनकी पढ़ाई-रहने की व्यवस्था निर्भर करती है। अस्पताल और स्कूल में हड़कंप घटना के बाद सदर अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। कई छात्राएं रो रही थीं और कुछ की हालत बिगड़ने पर स्ट्रेचर से इमरजेंसी में ले जाया गया।उधर, विद्यालय परिसर में भी खौफ और तनाव का माहौल बना हुआ है। जांच के आदेश, विद्यालय प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग स्थानीय अभिभावकों और लोगों ने इस घटना को विद्यालय की बड़ी लापरवाही बताया है और भोजन आपूर्ति व्यवस्था की जांच की मांग की है। कई लोगों ने यह भी कहा कि हॉस्टल के भोजन की गुणवत्ता को लेकर पहले भी शिकायतें आती रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार, जिला शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम भेजने की तैयारी कर ली है। फूड सैंपल भी जांच के लिए भेजा जाएगा।
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