किडनी का डायलिसिस करा रहे मरीज़ों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

किडनी का डायलिसिस करा रहे मरीज़ों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

Kidney Dialysis Diet Tips: किडनी आकार में भले ही छोटी होती है लेकिन शरीर के बहुत से जरूरी काम करती है, वो है फिल्टररेशन का, रक्तचाप का निंयत्रण, इलेक्ट्रोलाइट कंट्रोल और पेशाब की प्रक्रिया को बनाए रखना. लेकिन कुछ बीमारियां जैसे कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, खराब जीवनशैली के साथ खराब खाना भी आपकी किडनी को परेशान करती हैं, जिसकी वजह से किडनी की काम करने की क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से अपशिष्ट पदार्थ शरीर में ही जमा होने लगते हैं. इसलिए किडनी की बीमारी में डायलिसिस करा रहे हैं तो आहार को ध्यान रखना भी जरूरी है.

अगर आप या आपके किसी परिवार के सदस्य को गुर्दे की समस्या है और हेमोडायलिसिस चल रहा है, तो आपके लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि आपका खाना और पानी सीधे आपके स्वास्थ्य पर असर डालता है. डायलिसिस शरीर से विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त पानी निकालता है, लेकिन आपके रोजमर्रा के आहार का सही चुनाव ही आपको थकान, सूजन और कमजोरी से बचा सकता है. इसलिए हमेशा गुर्दे के आहार विशेषज्ञ (Renal Dietitian) की सलाह के अनुसार आहार लें.

किडनी डायलिसिस इन बातों को न भूलें

सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉ. हिमांशु वर्मा बताते हैं कि सबसे पहले यह जान लें कि डायलिसिस के दौरान आपके शरीर से प्रोटीन भी निकल सकता है. इसलिए अपने आहार में प्रोटीन युक्त चीजें शामिल करना बेहद ज़रूरी है. मांस, अंडा, दालें या दूध आपके लिए मददगार हो सकते हैं. लेकिन सिर्फ प्रोटीन ही नहीं, बल्कि सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस का संतुलन भी बहुत मायने रखता है.

  • सोडियम – यानी नमक को सीमित करना जरूरी है. ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी जमा हो सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और सूजन आने लगती है. पैकेज्ड, तला-भुना या प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें. डॉक्टर अक्सर कहते हैं कि रोज़ाना 2,000 मिलीग्राम से कम सोडियम ही लें.
  • पोटैशियम – भी नियंत्रण में रखना ज़रूरी है. यह हृदय और मांसपेशियों के लिए ज़रूरी है, लेकिन ज्यादा पोटैशियम से दिल की धड़कन पर असर पड़ सकता है. फल और सब्ज़ियों में पोटैशियम होता है, इसलिए इन्हें अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही लें.
  • फॉस्फोरस – भी हमारी हड्डियों और दिल के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन गुर्दे इसे बाहर नहीं निकाल पाते. इसलिए ज्यादा फॉस्फोरस वाले खाने जैसे दूध, चीज़ और प्रोसेस्ड फूड सीमित करना जरूरी है. डॉक्टर अक्सर 800 से 1,000 मिलीग्राम से ज्यादा फॉस्फोरस लेने से मना करते हैं.
  • तरल पदार्थ- भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. पानी, जूस, चाय या सूप की मात्रा को नियंत्रित रखें. ज्यादा तरल पदार्थ शरीर में सूजन और ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं. हेमोडायलिसिस के बीच जमा हुए अपशिष्ट और पानी को संतुलित करने के लिए यह बहुत ज़रूरी है.

डाइट प्लान कब बनवाएं

सही आहार अपनाने से न केवल आपका डायलिसिस सफल होता है, बल्कि आप थकान, कमजोरी और बीमार महसूस होने से भी बच सकते हैं. हर व्यक्ति की डाइट अलग होती है, इसलिए अपने डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ से मिलकर अपना पर्सनल डाइट प्लान बनवाना सबसे सही तरीका है.

याद रखें, डायलिसिस सिर्फ इलाज नहीं है, बल्कि सही खान-पान और जीवनशैली के साथ यह आपकी सेहत बनाए रखने का एक तरीका है. छोटे बदलाव जैसे सही मात्रा में पानी पीना, सोडियम कम करना और पोषणयुक्त भोजन लेना, आपके शरीर को मजबूत रख सकते हैं और जीवन को बेहतर बना सकते हैं.

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