जहानाबाद | लापरवाह कर्मियों पर जिला प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी सिलसिले में औचक जांच के दौरान 21 विकास मित्र अपने-अपने पंचायत कार्यालय में उपस्थित नहीं पाए गए थे। अनुपस्थित पाए गए विकास मित्रों में से घोसी प्रखंड का 2, हुलासगंज प्रखंड का दो, जहानाबाद प्रखंड का 5, काकू प्रखंड का चार, मोदनगंज का 3 एवं रतनी फरीदपुर प्रखंड का कर विकास मित्र है। अनुपस्थित रहने पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने इसे विकास मित्रों का कार्य के प्रति लापरवाही उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता माना है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने संबंधित विकास मित्रों से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए दिसंबर माह का मानदेय स्थगित कर दिया है। भास्कर न्यूज| जहानाबाद जहानाबाद जिले में पंचायतों की सरकार का सपना जमीन पर साकार करने के लिए प्रशासन को नीचले स्तर तक पहुंचाने की ताजा कवायद शुरू हो गई है। गौरतलब हो कि नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद नक्सल प्रभावित जहानाबाद जिले में ही सबसे पहले आपकी सरकार आपके द्वार का सफलतापूर्वक आगाज हुआ था, जो बाद में पूरे राज्य के ग्रामीण विकास का मॉडल बना। अब एक बार फिर जिले में पंचायतों की सरकार को पूरी तरह से जमीन पर क्रियाशील बनाने की गंभीर कोशिशें शुरू की गई है। जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय इस दिशा में दृढ़ता से कदम बढ़ा रही हैं। उन्होने कहा कि पंचायत सरकार भवनों में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। वहां पंचायत स्तरीय कर्मियों की प्रतिदिन ब्लॉक व अंचल कार्यालयों की तरह प्रभावी तरीके से काम शुरू कराने की पूरी तैयारी है। इसी को लेकर ग्रामीण इलाके की योजनाओं के क्रियान्वयन में पहले से व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन लगातार मुश्तैदी से काम कर रहा है। जिले भर में इसके लिए वे स्वयं के अलावा प्रशासन के वरीय अधिकारियों की टीम से चीजों को जमीनी स्तर पर जांच-परख करा रही हैं। पहले ही संभी संबंधित कर्मियों को पत्र भेजकर अपनी ड्यूटी में मुश्तैद रहने के लिए हिदायत दे दी गई थी। लेकिन बावजूद इसके भारी पैमाने पर कर्मियों की अनुपस्थिति मिली है। अब इस पूरे मामले में अनुपस्थिति के कारणों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने तक बिना सूचना ड्यूटी से गायब मिले 208 से अधिक अनुपस्थित कर्मियों के वेतन पर रोक लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है। निरीक्षण में अब तक पंचायत सरकार भवन के 34 ग्राम कचहरी सचिव, 8 कार्यपालक सहायक, 53 न्याय मित्र, 28 आवास सहायक, 18 पंचायत रोजगार सेवक, 29 किसान सलाहकार, 21 विकास मित्र एवं 14 स्वच्छता पर्यवेक्षक अनुपस्थित पाए गए हैं। सभी से स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। निरीक्षण के क्रम में यह भी पता चला है कि कई पदाधिकारी ऐसे भी हैं, जो एक से ज्यादा पंचायत में प्रतिनियुक्त हैं। इनमें से जांच के दिन अब तक संकलित जांच प्रतिवेदन के आधार पर 40 पंचायतों में लेखपाल, 48 पंचायतों में तकनीकी सहायक, 49 पंचायतों में राजस्व कर्मचारी, 52 पंचायतों में कृषि सलाहकार, 19 पंचायतों में पंचायत सचिव अनुपस्थित पाए गए हैं। संबंधित अधिकारियों के रोस्टर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है ताकि उनकी अनुपस्थिति की असली कारण स्पष्ट किए जा सकें।
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