भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड के मथुरापुर में बुधवार को श्रम विभाग की टीम ने छापेमारी कर दो बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। यह कार्रवाई श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी नीतीश शर्मा के नेतृत्व में की गई। टीम ने गुप्ता स्वीट्स से एक और सुजाता आटोपार्ट्स से एक नाबालिग बच्चा काम करते हुए पाया। दोनों की उम्र 14 वर्ष से कम बताई गई है। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने बताया कि बच्चों को तुरंत कार्यस्थल से मुक्त कर कानूनी प्रक्रिया के लिए शिवनारायणपुर थाना लाया गया। यहां दुकान संचालकों के खिलाफ बाल श्रम अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद दोनों बच्चों को सुरक्षित संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए भागलपुर स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की काउंसलिंग कराई जाएगी और उनके परिवार से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में वे फिर से मजदूरी करने को मजबूर न हों। छापेमारी टीम में पीरपैंती के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ब्रजमोहन कुमार और सन्हौला के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मो. गुलफराज अंसारी भी शामिल थे। अधिकारियों ने प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर संचालकों को चेतावनी दी कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम पर रखना दंडनीय अपराध है और ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी भागलपुर के निर्देश पर बाल श्रम की रोकथाम और नाबालिग श्रमिकों की पहचान के लिए अभियान जिले में लगातार जारी रहेगा। साथ ही आम लोगों से अपील की गई है कि कहीं भी नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराए जाने की जानकारी मिलने पर इसे श्रम विभाग या स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित करें, ताकि बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
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