भास्कर न्यूज | कटिहार लोक आस्था का महापर्व छठ पर मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने पारण किया। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह 4 बजे से व्रती छठ घाटों पर पहुंच गए थे। नदियों, पोखरों, तालाबों और जलाशयों के साथ घर के बाहर और छतों पर बने कृत्रिम घाटों में स्नान कर ध्यान मग्न होकर निराहार व्रतियों ने छठी मैया को स्मरण कर जल क्षितिज पर उगने के लिए प्रार्थना की। उगो-उगो हे सूरज देव अरघ के बेर, हे छठी मैया दर्शन दिंही अपार… कबहुं ना छूटी छठी मइया हमनी से बरत तोहार.. तहरे भरोसा हमनी के छूटी नाही छठ के त्योहार…आदि गीतों से भगवान भास्कर से दर्शन देने के लिए विनती की। वहीं सोमवार को अस्ताचलगामी व मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर सभी उम्र वर्ग के छठ व्रती श्रद्धालुओं ने आपसी एकता एवं सुख-शांति की कामना की। मंगलवार को विभिन्न छठ घाटों नदी तालाबों व घर में बनाए गए कृत्रिम घाटों में उगते सूर्य को अर्घ्य दान दिया गया। अर्घ्य दान के बाद महिलाओं ने कुल देवता की पूजा की। जिसके बाद एक दूसरे के बीच प्रसाद का वितरण किया।
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