मोहाली में कबड्डी कप के दौरान हुई फायरिंग में मारे गए कंवर दिग्विजय सिंह उर्फ राणा बलाचौरिया का हिमाचल के शाही परिवार से संबंध था। उनके परदादा ऊना के पास स्थित एक रियासत के राजा थे। बताया जाता है कि सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी इनके पुरखों के यहां घर में रुके थे। उन्होंने इनके घर में 100 साखियां लिखी थीं। कंवर दिग्विजय सिंह ने पहले कुश्ती खेली और बाद में कबड्डी खिलाड़ी बने। इसके बाद उन्होंने अपनी कबड्डी टीम बनाई और प्रमोटर की भूमिका भी निभाने लगे। वह मॉडलिंग में भी हाथ आजमा रहा थे और आने वाले दिनों में कुछ गानों में काम करने की योजना बना रहे थे। उन्होंने देहरादून की युवती से लव मैरिज की थी। शादी के 11 दिन बाद ही उनकी पत्नी विधवा हो गई हैं। बलाचौरिया के बारे में दोस्तों से ये बातें पता चलीं… 4 दिसंबर को शादी हुई
राणा बलाचौरिया की शादी 4 दिसंबर को हुई थी। इसके बाद 6 दिसंबर को उन्होंने रिसेप्शन रखा था। उनकी बारात देहरादून गई थी। दोस्तों के अनुसार, वह अपनी शादी को लेकर बेहद उत्साहित थे। नवंबर में उसके 2 अन्य दोस्तों की भी शादी हुई थी। उनकी लव मैरिज थी, जिसे परिवार ने पूरे उत्साह के साथ संपन्न कराया। उनका एक छोटा भाई है, जबकि बहन विदेश में रहती है। घर पर रहे गुरु गोबिंद सिंह
अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर राणा बलाचौरिया ने एक पोस्ट शेयर कर बताया था कि गुरु गोबिंद सिंह जी उनके घर पर 13 माह, 13 घंटे और 13 पल ठहरे थे। उनके परिवार को गुरु साहिब की सेवा करने का अवसर मिला था। इसी दौरान गुरु साहिब ने उनके घर पर 100 साखियां (शिक्षाएं) लिखी थीं। इस कारण वह स्वयं को भाग्यशाली मानते थे और उस घर को स्वर्ग समान समझते थे।
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