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औरंगाबाद में स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने पर ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन:देरी से पहुंचने पर नर्सिंग स्टाफ को अंदर जाने से रोका, ताला बंद कर गेट पर ही धरना दिया

औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड स्थित सुंदरगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को ग्रामीणों ने मेन गेट का ताला बंद कर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल शायद ही कभी समय से खुलता है और अधिकतर समय स्वास्थ्य कर्मी गायब रहते हैं। ऐसी स्थिति में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ता है, जबकि अगला स्वास्थ्य केंद्र करीब 10 किलोमीटर दूर है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का आक्रोश उस समय और बढ़ गया जब लगभग 11 बजे अस्पताल पहुंचने वाले स्टाफ नर्स अमिताभ रंजन को भी विरोध का सामना करना पड़ा। इसके कुछ देर बाद क्लर्क निर्मला कुमारी सहित अन्य कर्मी अस्पताल पहुंचे। स्थिति बिगड़ते देख ग्रामीणों द्वारा हंगामा किए जाने की सूचना प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष कुमार को दी गई। मौके पर पहुंचकर उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। अस्पताल में इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति का आरोप स्वास्थ्य प्रबंधक ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर प्रकाश रावत की पोस्टिंग है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण फिलहाल उन्हें अन्य जगहों पर सेवाएं देनी पड़ रही हैं। वर्तमान में अस्पताल में स्टाफ नर्स अमिताभ रंजन, क्लर्क निर्मला कुमारी, एएनएम ललिता कुमारी और दो चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तैनात हैं। इसके बावजूद अस्पताल का संचालन नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है। स्थानीय ग्रामीण बबलू कुमार सिंह, मोनू गुप्ता सहित अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण कर्मी अपनी सुविधा के अनुसार देर से अस्पताल खोलते हैं और जल्दी बंद कर चले जाते हैं। अस्पताल खुला होने पर भी मरीजों की जांच और उपचार का जिम्मा एएनएम और स्टाफ नर्स के भरोसे ही रहता है। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिलना असंभव है। गांव के लोगों ने लापरवाही बरतने वाले कर्मियों-डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ग्रामीणों ने ज़िम्मेदार चिकित्सक और लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अस्पताल में 24×7 चिकित्सीय सुविधा बहाल करने और स्थायी डॉक्टर की तैनाती की भी मांग की गई है, ताकि स्थानीय लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर-दराज न भटकना पड़े। अस्पताल प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान आज भी एएनएम ललिता कुमारी बिना सूचना के अनुपस्थित पाई गई हैं। अन्य सभी कर्मचारी भी निर्धारित समय से देर से पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को भेज दी गई है और दोषी कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई तय है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।


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