बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन के लिए देशभर में चल रहे ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत औरंगाबाद जिले में 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान की औपचारिक शुरुआत शनिवार को की गई। यह अभियान माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के दिशा-निर्देश पर तथा बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के आलोक में प्रारंभ किया गया है। अभियान का उद्देश्य समाज में जागरूकता, समर्थन, सहायता और प्रभावी कार्रवाई के माध्यम से बाल विवाह को जड़ से समाप्त करना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल के मार्गदर्शन में इस 100 दिवसीय अभियान के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों, ग्राम सभाओं, सार्वजनिक एवं सामुदायिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही पारा विधिक स्वयंसेवक, आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर प्रत्येक गांव में पहचान, मार्गदर्शन, सहायता और सक्रिय निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। नारायण मिशन स्कूल में पहला कार्यक्रम आयोजित अभियान के प्रथम दिन शनिवार को पहला कार्यक्रम शहर के नागा बिगहा रोड स्थित नारायण मिशन स्कूल में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला विधि संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रसीक बिहार सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य बच्चों विशेषकर बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने बच्चों को बाल विवाह के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में उप मुख्य कानूनी बचाव वकील अभिनन्दन कुमार, रिटेनर वकील सुजीत कुमार सिंह, सुबोध कुमार सिंह एवं पारा विधिक स्वयंसेवक विनय कुमार ने बाल विवाह से संबंधित कानूनों की जानकारी दी। वक्ताओं ने बताया कि 1098 हेल्पलाइन एवं नालसा पोर्टल 15100 के माध्यम से कोई भी नागरिक बाल विवाह की सूचना दे सकता है, जिस पर रियल टाइम ट्रैकिंग के साथ त्वरित कार्रवाई की जाती है। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित बच्चों एवं समुदाय के बीच बाल विवाह के विरुद्ध सामूहिक शपथ दिलाई गई। दिन का दूसरा कार्यक्रम किशोरी सिन्हा इंटर विद्यालय, औरंगाबाद में आयोजित किया गया। यहां पैनल अधिवक्ता संतोष कुमार, सहायक कानूनी बचाव अधिवक्ता रंधीर कुमार एवं पारा विधिक स्वयंसेवक अनिता कुमारी ने बच्चों को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यह अभियान समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने का प्रयास है ताकि वर्ष 2030 तक भारत को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके। विद्यालय प्रशासन ने भी बच्चों से इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया।कार्यक्रम के माध्यम से जिले में बाल विवाह के खिलाफ शून्य सहनशीलता का संदेश दिया गया।
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