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औरंगाबाद में चार साल से आम रास्ते को किया बंद:लोग बोले- मदरसा कब्रिस्तान कमेटी ने किया अतिक्रमण, जिलाधिकारी ने हटाने का दिया था निर्देश

औरंगाबाद शहर के वार्ड नंबर 18 स्थित मदरसा कब्रिस्तान के समीप रहने वाले दर्जनों परिवार पिछले चार वर्षों से अपने बंद पड़े आम रास्ते को खुलवाने के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। हैरानी की बात यह है कि सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि प्रत्येक बसावट को आम रास्ते से जोड़ा जाए, बावजूद इसके स्थानीय लोगों की समस्या का अब तक समाधान नहीं हो सका है। स्थानीय निवासी बाबर अली और नूरजहां खातून ने बताया कि मदरसा कब्रिस्तान खाता संख्या 157, खेसरा 438 में अवस्थित है, जबकि खाता संख्या 110, खेसरा 437 रैयती भूमि है। इसके अतिरिक्त खाता संख्या 156, खेसरा 436 गैर मजरूआ मालिक कादिम भूमि है, जो वर्षों से आम रास्ते के रूप में इस्तेमाल होती आ रही है और इसी रास्ते से खेसरा 437 तक लोगों का आवागमन होता था। आरोप है कि मदरसा कब्रिस्तान कमेटी द्वारा जबरन इस आम रास्ते को बंद कर दिया गया, जिससे आसपास के निवासियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 16 जून को पीड़ितों ने जिलाधिकारी से की थी शिकायत पीड़ितों का कहना है कि इस मामले को लेकर 16 जून 2025 को अंचलाधिकारी औरंगाबाद ने मदरसा कब्रिस्तान कमिटी को 15 दिनों के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश निर्गत किया था। लेकिन कमिटी ने इस आदेश की अवहेलना की और आज तक रास्ते को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि यह विवाद वर्ष 2021 से ही चला आ रहा है। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने अंचलाधिकारी को, अंचलाधिकारी ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को कई बार आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों के अनुसार कब्रिस्तान कमेटी के सदस्यों ने नगर थाना में एक समझौता पत्र पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अवरुद्ध रास्ते को आम आवाजाही के लिए छोड़ने की सहमति दी गई थी। बावजूद इसके न तो रास्ता खुला और न ही किसी स्तर पर ठोस कार्रवाई हुई। पीड़ित परिवारों का कहना है कि वे लगातार अंचलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है। चार वर्षों से जारी इस समस्या ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल हस्तक्षेप कर आदेशों का पालन कराया जाए और बंद रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कर आम जनता को राहत दी जाए।


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